मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक व्यक्ति का मोबाइल फोन खो गया। यह मोबाइल फोन एक जालसाज के हाथ लग गया जिसने उसके बैंक खाते से 17 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिए। ऐसे में सावधान रहें कि अगर मोबाइल फोन खो जाए या चोरी हो जाए तो तुरंत बैंक अकाउंट ब्लॉक करवा दें।
हनुमानताल थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति का मोबाइल फोन कहीं खो गया। उस फोन में वह दो मोबाइल नंबर का उपयोग करता था। उससे उसके चार बैंक खाते जुड़े हुए थे। खोया हुआ मोबाइल किसी जालसाज के हाथ लग गया। उसने मोबाइल फोन से जुड़े बैंक खाते से करीब साढ़े 17 लाख रुपए निकाल लिए।
इसका खुलासा तब हुआ जब कुछ दिन बाद संबंधित व्यक्ति को बैंक से ट्रांजेक्शन डिटेल मिली। बैंक स्टेटमेंट में पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति के खाते में रुपए ट्रांसफर हुए हैं। शुक्रवार को हनुमानताल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
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भानतलैया निवासी आराधना शुक्ला (53) का मोबाइल फोन 29 सितंबर को खो गया था। उनके पिता अरुण कुमार तिवारी के मोबाइल में अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों के दो सिम कार्ड थे। दोनों फोन नंबर उनके उत्कर्ष, एयू, एक्सिस और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खातों से जुड़े थे।
इनमें से प्रत्येक का एक मोबाइल नंबर दो बैंक खातों में रजिस्टर्ड था। खोया हुआ मोबाइल जालसाज के हाथ लग गया। बैंक में रजिस्टर्ड फोन नंबर का फायदा उठाकर वह संबंधित मोबाइल फोन से पैसे निकालने में सफल हो गया।
जालसाज ने अरुण के उत्कर्ष बैंक खाते से 13 लाख 93 हजार 440 रुपए की एफडी से पैसे निकाल लिए। स्टेट बैंक खाते से 1 लाख 27 हजार 472 रुपए और एयू बैंक खाते से 2 लाख 47 हजार रुपए निकाले।
आरोपी ने तीन बैंक खातों से तीन बार में कुल 17 लाख 67 हजार 912 रुपए निकाले। आरोपी ने यह रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
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आरोपी ने मोबाइल फोन में एक ऐप के जरिए बैंक खातों के बारे में पता लगाया। उसने बैंक में रजिस्टर्ड सिम का फायदा उठाया और बैंक खाते का ऑनलाइन आईडी और पासवर्ड जानने में सफल रहा। सही आईडी और पासवर्ड मिलने के बाद आसानी से पैसे ट्रांसफर हो गए।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर ही आता है। चूंकि मोबाइल फोन आरोपी के पास था, इसलिए ओटीपी उसके पास ही पहुंचा, जिससे पैसे आसानी से मनचाहे खाते में ट्रांसफर हो गए। आशंका है कि आरोपी कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जिसे बैंक का ऑनलाइन पिन और पासवर्ड पता हो। पुलिस मामले की जांच कर रही है।