- Toppers Story: श्वेता ने अपने बच्चे की परवरिश करते हुए किया टॉप, दिलचस्प है सिविल जज परीक्षा के टॉपर्स की कहानी

Toppers Story: श्वेता ने अपने बच्चे की परवरिश करते हुए किया टॉप, दिलचस्प है सिविल जज परीक्षा के टॉपर्स की कहानी

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की ओर से सिविल जज भर्ती परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। श्वेता दीवान ने टॉप किया, जबकि टॉप-10 में सात महिला अभ्यर्थी चयनित हुईं। 49 पदों के लिए 151 अभ्यर्थियों का इंटरव्यू हुआ था। श्वेता को दूसरे प्रयास में सफलता मिली, जबकि पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंची थीं।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने बुधवार को सिविल जज भर्ती परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं। रायपुर की श्वेता दीवान ने टॉप किया है। टॉप-10 में सात महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। महिमा शर्मा, निखिल साहू, प्रियदर्शन गोस्वामी, आयुषी शुक्ला, भामिनी राठी, नंदिनी पटेल, आरती ध्रुव, अदिति शर्मा, द्व्यु सिंह सेंगर का चयन टॉप-10 में हुआ है।

बच्चे की परवरिश करते हुए तैयारी कर किया टॉप

 रायपुर के महादेव घाट निवासी श्वेता दीवान ने बताया कि पिछली बार भी वे इंटरव्यू तक पहुंची थीं, लेकिन चयनित नहीं हो पाई थीं। इस बार उनका प्रयास सफल रहा। पिछले सालों की गलतियों को सुधारते हुए वे रोजाना क्रिमिनल और सिविल जजमेंट लिखती रहीं और इस बार टॉप किया।

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इंटरव्यू में राम जन्मभूमि, मदरसा एक्ट जैसे सवाल

श्वेता ने बताया कि इंटरव्यू 20 मिनट तक चला, जिसमें यूपी मदरसा एक्ट, राम जन्मभूमि फैसला, धारा 370, कोलकाता की घटना के संदर्भ में अपराजिता विधेयक, पंचायती राज से जुड़े सवाल पूछे गए।

छोटे बच्चे की परवरिश करते हुए की तैयारी

उन्होंने यह तैयारी छोटे बच्चे की परवरिश करते हुए की है। इस दौरान उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिला। पिता सतीश कुमार तिवारी और मां करुणा तिवारी गृहिणी हैं। पति सुयश धर दीवान वन विभाग में एसडीओ हैं और फिलहाल पंडरिया में पदस्थ हैं।

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8 से 10 घंटे पढ़ाई की, दूसरे प्रयास में मिली सफलता

अभनपुर निवासी निखिल साहू ने तीसरी रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। पहले प्रयास में मेन्स दिया था। मेन्स क्लियर नहीं कर पाए थे। निखिल ने बताया कि उन्होंने रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। पिछले सालों के सवालों को हल किया। जिन टॉपिक्स में गलती होती थी, उनकी अच्छे से तैयारी की। मॉक इंटरव्यू भी दिए।

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सिविल और क्रिमिनल जजमेंट लिखकर प्रैक्टिस की। कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता था, उसी दिन उसका गहन अध्ययन करती थी। उसके बारे में अच्छी जानकारी जुटाती थी। जिसका फायदा मिला। पिता भगवान सिंह साहू रिटायर्ड लेक्चरर हैं। मां हेमलता साहू शिक्षिका हैं।

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45 दिन में 45 पेपर सॉल्व किए, यूट्यूब से लेक्चर सुने

पंडरी निवासी आयुषी शुक्ला भी दूसरे प्रयास में सफल हुई हैं। पिछली बार इंटरव्यू दिया था। 30वीं रैंक मिली थी। उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स की तैयारी के लिए पुराने सालों के पेपर सॉल्व किए। जितना समय पढ़ाई में लगाती थी, उतना ही समय पुराने पेपर सॉल्व करने में लगाती थी।

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मेन्स की तैयारी के लिए 45 दिन में 45 फुल लेंथ पेपर सॉल्व किए। सिविल और क्रिमिनल जजमेंट लिखे। जो टॉपिक समझ में नहीं आ रहे थे, उनके लिए यूट्यूब पर लेक्चर सुने। कई मॉक इंटरव्यू भी दिए।

पहली बार जब सेलेक्शन नहीं हुआ तो दुख हुआ। परिवार के सहयोग से तैयारी अच्छी कर पाई। यह सफलता मिली। पिता सुशील शुक्ला सिविल कॉन्ट्रैक्टर और मां रानी शुक्ला सब इंस्पेक्टर मिनिस्टीरियल हैं।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

लोरमी निवासी क्षितिज नवरंग ने 16वीं रैंक हासिल की है। क्षितिज ने बताया कि इंटरव्यू में नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी के बारे में सवाल पूछे गए थे। जंगल सफारी कौन सा एरिया है, कहां है। इसी तरह राज्य के टाइगर रिजर्व के बारे में भी सवाल पूछे गए थे।

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क्षितिज ने बताया कि उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। पहले प्रयास में ही वे इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। उनके पिता ताम्रध्वज नवरंग किसान हैं और मां छल देवी नवरंग शिक्षिका हैं। क्षितिज चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जाने के लिए उन्होंने शुरू से ही कड़ी मेहनत की। आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई।

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