भारत ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। रॉयटर्स के अनुसार, भारत ने संयुक्त राष्ट्र विमानन एजेंसी (आईसीएओ) के पर्यवेक्षक का दर्जा देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। भारतीय अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
नई दिल्ली। भारत ने 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल करने की मांग को ठुकरा दिया है।
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रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत इसकी इजाजत नहीं देगा। कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने ब्लैक बॉक्स डेटा के विश्लेषण में देरी के लिए इसकी आलोचना की थी।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को ठुकराया
बता दें, 12 जून को अहमदाबाद में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दुर्घटना में 260 लोगों की मौत की घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र विमानन एजेंसी ने जांच में सहायता के लिए भारत को अपने एक जांचकर्ता की पेशकश की थी।
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) ने कुछ जांचों में मदद के लिए जांचकर्ताओं को तैनात किया था, जैसे कि 2014 में एक मलेशियाई विमान के लापता होने और फिर 2020 में एक यूक्रेनी जेटलाइनर की जांच। हालांकि, दोनों बार एजेंसी से सहायता मांगी गई थी।
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ICAO ने भारत में मौजूद जांचकर्ता को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए कहा था, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस खबर को सबसे पहले टाइम्स नाउ ने रिपोर्ट किया था।
ब्लैक बॉक्स से डेटा डाउनलोड किया गया
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जांचकर्ताओं ने दुर्घटनाओं के लगभग दो सप्ताह बाद फ्लाइट रिकॉर्डर डेटा डाउनलोड किया है।
इससे पहले, सुरक्षा विशेषज्ञों ने 13 जून को मिले संयुक्त ब्लैक बॉक्स और 16 जून को मिले दूसरे सेट की स्थिति सहित जांच के बारे में जानकारी की कमी पर भी सवाल उठाए थे।
रिपोर्ट कब मिलेगी?
यह भी सवाल उठाए गए कि क्या रिकॉर्डर भारत या अमेरिका में पढ़े जाएंगे? इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया था कि विभाग आईसीएओ के सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। ज़्यादातर हवाई दुर्घटनाएँ कई कारणों से होती हैं और दुर्घटना के लगभग 30 दिन बाद प्रारंभिक रिपोर्ट मिलती है।