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दिल्ली में शिक्षकों को खुद कॉपी लिखकर छात्रों को करना पड़ा रहा है पास, टीचर बोले- बच्चों ने छोड़ी खाली कॉपी
नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं और 11वीं के छात्रों की मुख्य परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। 31 मार्च को इन छात्रों का परिणाम भी जारी हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार बड़ी संख्या में छात्र फेल हुए हैं, जिससे शिक्षा विभाग में हलचल है। शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों को छह अप्रैल तक शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर छात्रों के अंकों में सुधार करने का समय दिया है। बाहरी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि स्कूलों का नौवीं और 11वीं का परिणाम बहुत खराब आया है। हालत ये हैं कि 96 प्रतिशत से अधिक छात्र फेल हुए हैं। 60 बच्चों की कक्षा में केवल चार से पांच बच्चे ही पास हैं। फेल छात्रों की इतनी बड़ी संख्या देखकर प्रधानाचार्य भी चकित हैं। अब शिक्षा निदेशालय की ओर से परिणाम जारी हो जाने के बाद छात्रों के अंकों में सुधार करने का समय दिया गया है। शिक्षकों का आरोप है कि प्रधानाचार्य अपने स्कूल के नौवीं और 11वीं के खराब परिणाम के चलते शिक्षा विभाग की नजर में न आएं और इन पर कोई खराब परिणाम आने का सवाल न उठाएं, इसके लिए शिक्षकों पर छात्रों की कापियों में सही उत्तर लिखकर दोबारा कापी जांच कर उनको पास करने का दबाव बनाया जा रहा हैं। नई दिल्ली स्थित एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि उनकी कक्षा में अंग्रेजी विषय में अधिकतर छात्र आठ से दस अंकों से फेल हैं। कई छात्रों ने उत्तरपुस्तिका के पन्नों को खाली छोड़ रखा है। कई छात्रों ने उत्तर ही गलत लिखे हैं। छात्रों को 80 अंकों की परीक्षा में 12 से 15 अंक आएं हैं। अब शिक्षा निदेशालय ने जब छात्रों के अंकों में सुधार करने का समय दे दिया तो प्रधानाचार्य उन पर ज्यादा से ज्यादा छात्रों को पास करने का दबाव बना रहे हैं।
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