- 4000 लोग अचानक बॉर्डर कूदकर भारत पहुंचे, चीन अब पड़ोसी देश में कर रहा कौन सा नया खेल?

4000 लोग अचानक बॉर्डर कूदकर भारत पहुंचे, चीन अब पड़ोसी देश में कर रहा कौन सा नया खेल?

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पड़ोसी देश के चिन राज्य में फिर से लड़ाई शुरू होने के बाद पिछले कुछ दिनों में म्यांमार से करीब 4,000 नए शरणार्थी मिजोरम में दाखिल हुए हैं। म्यांमार के चिन राज्य में 2 जुलाई से दो सैन्य-विरोधी जुंटा बलों चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (CNDF) और चिनलैंड डिफेंस फोर्स (CDF) हुआलनोग्राम के बीच टकराव चल रहा है। नतीजतन, हजारों निवासी मिजोरम के चम्फाई जिले में आ गए हैं।

भारत से 1643 किलोमीटर लंबा बार्डर शेयर करने वाले एक देश में भयंकर जंग छिड़ गई है। इस देश में चीन ने ही जंग भड़काई है, लेकिन अब चीन पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। इस देश में चल रही जंग में चीन के दो लड़ाकू विमान तबाह हो गए हैं। चीन की मक्कारी के चलते इस देश की आम जनता भी मारी जा रही है। अपनी जान बचाने के लिए ये लोग अब भारत में भी घुस गए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पड़ोसी देश के चिन राज्य में फिर से लड़ाई शुरू होने के बाद पिछले कुछ दिनों में म्यांमार से करीब 4,000 नए शरणार्थी मिजोरम में दाखिल हुए हैं। म्यांमार के चिन राज्य में 2 जुलाई से दो सैन्य-विरोधी जुंटा बलों चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (CNDF) और चिनलैंड डिफेंस फोर्स (CDF) हुआलनोग्राम के बीच टकराव चल रहा है। नतीजतन, हजारों निवासी मिजोरम के चम्फाई जिले में आ गए हैं। 

मिजोरम में एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ताजा हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक वहां पहुंचने वाले लोगों की संख्या लगभग 4,000 है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मिजोरम पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि सीमा के आसपास स्थिति काफी ज्यादा तनावपूर्ण है। ऐसे में फिलहाल इन लोगों को वापस जाने के लिए नहीं कहा जा रहा। लोग बड़े पैमाने पर ज़ोकवथर और सैकुम्फई के गांवों में आ गए हैं। वे सीमा के इस तरफ अपने रिश्तेदारों के साथ या स्थानीय संगठनों द्वारा स्थापित शिविरों में रह रहे हैं। 

भारत और म्यांमार के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है, जिसे फ्री मूवमेंट रिजीम कहा जाता है। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बिना वीजा या पासपोर्ट के 16 किलोमीटर तक दोनों तरफ आवाजाही करने की अनुमति होती है। हालांकि म्यांमार के हालात को देखते हुए भारत ने साल 2024 में म्यांमार को लेकर फ्री मूवमेंट रिजीम को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन ताजा मामले में जब हजारों लोग जान की भीख मांगने के लिए बॉर्डर पर पहुंचे तो मानवीय ग्रांउड पर उन्हें शरण दी गई। बहरहाल, म्यांमार में चल रहे गृह युद्ध में चीन भी अपनी खतरनाक चाल चल रहा है। वो जुंटा शासन को हथियार और समर्थन दे रहा है ताकी वो विद्रोही गुटों से भिड़ सके। जुंटा गुट ने ही साल 2021 में म्यांमार की सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध जैसे हालात हैं। 

मिजोरम 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से हजारों चिन शरणार्थियों को शरण दे रहा है, जो मिज़ो के साथ एक समान जातीयता साझा करते हैं। मिजोरम गृह विभाग के अनुमानों के अनुसार, इस नए आगमन से पहले, मिजोरम से लगभग 33,000 चिन शरणार्थी और बांग्लादेश से अतिरिक्त 2,000 शरणार्थी थे। चिन राज्य में वर्तमान लड़ाई सैन्य जुंटा का विरोध करने वाले प्रतिरोध बलों के भीतर तनाव का परिणाम है। 


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