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गरीब का बच्चा अधिकारी बने तब जाकर लगेगा कि मैनें जीवन में कुछ अच्छा काम किया है- ब्रजेश शुक्ला
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। जब इंसान समाज में कुछ अच्छा करने के लिए ठान ले तो किस्मत भी उसका साथ देती है ग्वालियर जिले के बडोरी गांव में एक सरकारी शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का बीडा उठाया तो उनके पीछे आज बहुत बडी टीम खडी हो गई। टीम बढती गई तो शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने ग्वालियर जिले के कई क्षेत्रों में मजदूर सेवार्थ पाठशाला शुरू की जिसमें उन बच्चों को प्रवेश दिया जिनके माता-पिता गरीबी के दायरे में रहकर जहां दो वक्त की रोटी के लिए पूरे दिन जद्दोजहद करते है तब जाकर उस परिवार में रहने वाले लोगों का पेट भरता है। ऐसे बच्चों को पढाने का संकल्प लिया। ब्रजेश शुक्ला शिक्षक के संकल्प से शनिवार के दिन 17 बच्चों ने कक्षा 5 में अध्ययनरत होने के साथ जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में बैठाया। जिनके सेंटर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 क्रमांक 2 एवं महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरार पर थे इन सभी बच्चों को नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी पिछले 6 माह से ऋषभ जैन, श्रीमती कल्पना राठौर, रामहेत रजक, विक्की जायसवाल द्वारा कराई जा रही थी।
गरीब का बेटा अधिकारी बनें, यह सपना संजोया था अपने जेहन में........
मजदूर सेवार्थ पाठशाला के संचालक बृजेश शुक्ला ने बताया कि हमारी मुहिम गरीब के बच्चे अधिकारी बने इसके तहत हम जून 2020 से झुग्गी झोपड़ी पर रहने वाले बच्चों को अपना घर अपना विद्यालय के तहत उनके घर पर ही पढ़ाते थे और जिन बच्चों का नाम शासकीय विद्यालय में नहीं लिखा था उन सभी का नाम शासकीय विद्यालय में लिखा दिया है और जो बच्चे कक्षा 5 में पढ़ते हैं उन्होंने आज नवोदय प्रवेश परीक्षा दी है और ईश्वर का आशीर्वाद रहा तो बच्चे परीक्षा में सफल होंगे। श्री शुक्ला ने हमारे संवाददाता से चर्चा के दौरान बताया कि गरीबी क्या होती है और गरीबी में इंसान अपने बच्चों को कैसे पढाता है, कैसे उनका पालन-पोषण करता है, यह दर्द मैने बहुत ही नजदीक से देखा है। गरीब का बेटा आईएएस, आईपीएस और देश और प्रदेश की बडी-बडी नौकरियों में प्रवेश लें उस दिन लगेगा कि मैनें कुछ अच्छा किया है।
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