- World Hypertension Day Special: मोटापा, तनाव और धूमपान से 25 वर्ष की उम्र में जकड़ रहा उच्च रक्तचाप

 भोपाल। उच्च रक्तचाप के कारण दुनिया भर में लाखों लोग असमय  मौत के शिकार हो रहे हैं। इससे भारत भी अछूता नहीं है। युवाओं में अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही की वजह से हाइपरटेंशन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के गैर-संचारी रोग (एनसीडी) के कार्यक्रम के तहत अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक दस लाख दस हजार हायपरटेंशन के नए मरीजों की खोज की है। जबकि पांच लाख 60 हजार मधुमेह का शिकार मिले हैं। प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक साल में ही 17637 हायपरटेंशन और मधुमेह के 34417 पीडित मिले हैं। ऐसे ज्यादातर मरीजों में युवाओं की संख्या अधिक है। राजधानी के एक्टपर्टस इसका मुख्य कारण मोटापा, तनाव और युवाओं में स्मोकिंग की आदतों को मानते हैं। मनोचिकि‍त्सों के मुताबिक कोरोना काल में तनाव, अवसाद बढ़ने से भी बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक कारण यह भी है कि रात-रातभर मोबाइल देखने के युवा आदी हो रहे हैं, जिसके कारण दिनचर्या में फर्क पड़ रहा है। सरकारी हमीदिया में आने वाले मरीजों में हाइपरटेंशन की वजह से दिल बीमारी के मरीज अधिक निकल रहे हैं। हार्ट फेलियर के मरीजों में भी यह एक बड़ी वजह है। पहले जहां 50 साल की उम्र में बीपी की बीमारी देखी जाती थी, वह अब 25 से 45 वर्ष के उम्र में देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में यह ट्रेंड देखा जा रहा है। डाक्टर 30 साल की उम्र के बाद नियमित जांच की सलाह दे रहे हैं। यह बीमारी जीवन शैली से जुड़ी है। जो अनियमित जीवनशैली, असंतुलित आहार, मोटापा, शारीरिक श्रम का अभाव, नीद की कमी, तनाव , क्रोध, धूम्रपान, अल्कोहल सेवन आदि से हो सकता है। सामान्यतया हायपरटेशन के रोगी में कोई लक्षण नहीं मिलता, अतः रोगी इसके प्रति सजग नहीं रहता है। इसलिए एक स्वस्थ व्यक्ति को भी नियमित रूप से अपने रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए। हमीदिया के कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट के प्रो.डा. अजय शर्मा ने बताया कि बीते कुछ सालों में यह आर्ब्जवेशन है कि यंग हाइपरटेंशन तेजी से बढ़ रहा है। पहले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां होती थी। अब यह 20 से 45 साल के लोगों में भी देखी जा रही है। मोटापा, नमक का अधिक सेवन, तनाव और स्मोकिंग इसकी मुख्य वजह है। जेपी अस्पताल एमडी मेडिसीन विभाग के एचओडी डा. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी है। हमारे पास हार्ट फेलियर के जितने भी मरीज आते हैं उनमें से 40 से 60 प्रतिशत मरीज हाई बीपी वाले होते हैं। इसके लिए नियमित रूप से वाकिंग और रूटीन चेकअप जरूरी है।

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