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मिनि नेपच्यून विशाल गैसीय ग्रह का है सिकुड़ा हुआ संस्करण
ग्रह जीजे 1214बी को लेकर किया नया शोध
वॉशिंगटन। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 40 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे के चारों ओर घूमने वाले ग्रह जीजे 1214बी को लेकर नया शोध किया है। यह मिनि नेपच्यून विशाल गैसीय ग्रह का एक सिकुड़ा हुआ संस्करण है। पहले जब इस ग्रह को देखा गया था तो इस पर बादलों की घनी परत देखी गई थी, जिसने इसके अंदर देखने से रोक दिया था। लेकिन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है, जो इनफ्रारेड हीट कैमरे से लैस है। नासा शोधकर्ताओं के मुताबिक जीजे 1214बी में भाप से बना वातावरण है। इससे नासा शोधकर्ता मान रहे हैं कि ये ग्रह पानी से भरा है। कक्षा में घूमने के दौरान इसके दिन और रात दोनों का ही तापमान कैप्चर किया गया, जिसके डेटा से खगोलविद यह पता लगाने में सक्षम हुए कि यह किस चीज से बना है। जीजे 1214बी के तापमान में नाटकीय रूप से बदलाव हुए।
इसमें पाया गया कि दिन में तापमान 535 डिग्री फारेनहाइट और फिर रात में 100 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया। पृथ्वी के लिहाज से इसे ऐसे समझा जा सकता है कि एक ही दिन में तेज गर्मी हो और फिर उसी रात को बर्फीला तूफान आए। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के एक एक्सोप्लैनेट शोधकर्ता रॉब जेलेम ने एक बयान में कहा, पिछले लगभग एक दशक से इस ग्रह के बारे में हमें सिर्फ यह पता था कि इसका वातावरण बादल भरा या धुंधला था। जेडब्ल्यूएसटी के मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल ग्रह का तापमान मैप करने के लिए किया गया।
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