- तंत्रमंत्र के चक्कर में 3 साल से पत्नी और बच्चों को घर में किया था कैद, 3 साल से चल रहा था खेल.... अब हुए आजाद

तंत्रमंत्र के चक्कर में 3 साल से पत्नी और बच्चों को घर में किया था कैद, 3 साल से चल रहा था खेल.... अब हुए आजाद

चित्रकूट। चित्रकूट जिले में तंत्रमंत्र के चक्कर में एक व्यापारी ने अपनी पत्नी व 2 बच्चों को घर में कैद कर दिया। घर में कहीं से हवा पहुंच न पाए, इसके लिए दरवाजे और खिड़कियों की झिरी में कच्चे गारे का लेप लगा दिया। जब बच्चों के मौसा-मौसी और और मामा घर पहुंचे तो ताला बंद देख चिंतित हो गए। पड़ोसियों की मदद से इसकी चाइल्डलाइन को सूचना दी गई। चाइल्डलाइन टीम ने बच्चों और उनकी मां को मुक्त कराया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।



इस मामले की जानकारी देते हुए सर्वोदय सेवा आश्रम चाइल्डलाइन के समन्वयक विशेष त्रिपाठी ने बताया कि उनको हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना मिली थी कि कोतवाली अंतर्गत तरौंहा मुहल्ले में दुर्गाकुंज निवासी काशी केशरवानी ने पत्नी पूनम के साथ अपने बच्चों पुत्र रजत (13) और पुत्री अर्शिता (14) को घर के अंदर कैद कर दिया है। न तो वह बच्चों को घर से निकलने देता है और न उनकी पढ़ाई हो रही है। करीब 3 साल से यह सब चल रहा है।


1098 में सूचना मिलने पर विशेष ने बताया कि चाइल्डलाइन टीम की दीपा शुक्ला और श्यामानंद को मौके पर पुलिस के साथ भेजा गया। घर का ताला खुलवाया गया तो पाया गया कि एक अंधेरे कमरे में मां और दोनों बच्चे थे। इसके साथ ही तंत्रमंत्र की काफी सामग्री मिली। कमरे में काफी गंदगी भी थी और बच्चों की हालत बहुत खराब थी। पुलिस की सहायता से एंबुलेस मंगाकर सभी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां सबको भर्ती कर लिया गया है।


काशी के साथ साथ उसकी पत्नी भी मानसिक तौर पर बीमार नजर आ रही थी। बच्चों को देखकर भी लगता था कि ये कई दिनों से नहाए नहीं हैं और इनको भरपेट खाना तक नहीं मिला है। 

चाइल्डलाइन की दीपा ने बताया कि पहले तो काशी ने घर का ताला खोलने से ही इंकार कर दिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद जब ताला खोला और पुलिस और वे लोग अंदर घुसे तो भीषण बदबू से उनकी हालत खराब हो गई। पूरे घर में अंधेरा था और गंदगी फैली थी। रसोईघर का रोशनदान तक ईंटों से बंद था। किसी तरह बच्चों और मां को बाहर निकाला गया।


दीपा ने बताया कि घर के बीचोंबीच मिट्टी से चबूतरा की तरह बनाया गया था। वहां दीपक रखे थे। किसी देवी-देवता की फोटो वहां नहीं थी और ओम आदि पवित्र शब्द उल्टे लिखे हुए थे। कुछ साल पहले तक काशी का दालमोठ का कारोबार बढ़िया चल रहा था। काशी के पड़ोसियों का कहना था कि इस घर में आने से पहले यह परिवार काफी संपन्न और खुश था। जब यहां आए तो पता नहीं क्या हुआ, सब बदल गया। व्यापार ठप हो गया, उसकी बेटी भी बीमार रहने लगी। काशी इसकी वजह घर को मानता था और किसी तांत्रिक के कहने पर तंत्रमंत्र की प्रक्रिया करने लगा था। पुलिस अब उस तांत्रिक का पता लगाने में जुटी है।



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