भोपाल । प्रदेश के हाईकोर्ट ने नौकरी लगवाने के नाम लोगों को झांसा देने वाले आरोपी को सख्त सजा सुनाई है। अपराधी मृत्युपर्यंत जेल की सलाखों के पीछे रहेगा, साथ जुर्माना भी लगाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना की अदालत ने हाई कोर्ट के नियुक्ति पत्रों की कूटरचना करने के आरोपित बिलहरी निवासी पुरुषोत्तम पासी को 110 वर्ष के कारावास की सख्त सजा सुनाई। अदालत ने अपने आदेश में साफ किया कि आरोपित पुरुषोत्तम ने पृथक-पृथक व्यक्तियों के साथ अपराध कारित किया है। अत: कारावास की सभी सजाएं पृथक-पृथक चलेंगी।
पहली सजा पांच वर्ष की है, जो 15 गुणित होकर 75 वर्ष होगी, जबकि दो धाराओं में 15-15 वर्ष व एक अन्य धारा में पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। इस तरह 75 वर्ष की सजा में 35 वर्ष की सजा के इजाफे के साथ कुल सजा 110 वर्ष निर्धारित हो गई। इस तरह आदेश के अनुसार अपराधी मृत्युपर्यंत जेल की सलाखों के पीछे रहेगा। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आरोपित ने हाई कोर्ट जबलपुर के नाम की फर्जी सील बनवाई।
इसके बाद सील लगाकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किए। ये नियुक्ति पत्र छले गए व्यक्तियों या उनके रिश्तेदारों को प्रदान किए।जब ये नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित व्यक्ति हाई कोर्ट पहुंचे तो उन्हें उनके फर्जी होने की जानकारी मिली। हाई कोर्ट प्रशासन ने साफ किया कि इस तरह की कोई नियुक्ति किए जाने के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इस तरह एक-एक कर 15 छले गए व्यक्ति सामने आए।इन सभी को आरोपित ने फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपकर चूना लगाया था। इस संबंध में पुलिस में शिकायत की गई। लिहाजा, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया था। इसके बाद अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया। अदालत ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद दोष सिद्ध पाते हुए सजा सुना दी।अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश तिवारी ने पक्ष रखा।
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