-
कोई भी धर्म हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की इजाजत नहीं देता: मनजिंदर सिंह सिरसा
जींद । दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम तथा आसपास के जिलों में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कोई भी धर्म या मजहब किसी तरह हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की इजाजत नहीं देता। जो लोग ऐसा करते हैं, वह धार्मिक नहीं हो सकते। जिस तरह 1984 में दिल्ली में सिखों के गले में टायर डालकर उन्हें जिंदा जलाया गया था। सिरसा रविवार शाम जींद के गुरुद्वारा मंजी साहिब में मिडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के सांप्रदायिक दंगे तब होते हैं, जब धर्मों के लीडर कमजोर होते हैं। जिस तरह का सांप्रदायिक तनाव नूंह, गुरुग्राम, पलवल और रेवाड़ी जैसे जिलों में पैदा हुआ है उससे निपटने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। सभी धर्मों की लीडरशिप को भी सांप्रदायिक सौहार्द बनाने और सांप्रदायिक सौहार्द को आग लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए आगे आना चाहिए। सिरसा ने नूह हिंसा के सिलसिले में आम आदमी पार्टी के एक नेता का नाम आने का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मालेरकोटला में कुरान की बेअदबी हुई थी। उसमें आप के दिल्ली के एक विक का नाम आया था। दिल्ली में हुई हिंसा में भी आप के एक काऊंसलर का नाम आया था। उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा पर संसद की कार्रवाई ठप्प करने वाले विपक्षी दल और कांग्रेस सिलैक्टिव विरोध की राजनीति करते हैं। जब दिल्ली पर कानून की बात आई तो कांग्रेस और इसके सहयोगी विपक्षी दलों के सभी सांसद संसद में आकर बैठ गए।
Comments About This News :
Submit A Comment
Subscription Successfully......!
Error Please Try Again & Check Your Connection......!