नई दिल्ली । इसरो से मिली ताजा जानकारी के अनुसार चांद के चौथे ऑर्बिट में चंद्रयान 3 ने प्रवेश कर लिया है। इस तरह से भारत के तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह की ओर अपने भ्रमण में सोमवार को महत्वपूर्ण गतिविधि का प्रदर्शन किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने आज एक बार फिर चंद्रयान-3 की ऑर्बिट को घटाया है। आज किए गए सटीक युद्धाभ्यास ने 150 किमी गुना 177 किमी की निकट-गोलाकार कक्षा हासिल की है।
इसके साथ ही अंतरिक्ष यान चांद के चौथे ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है। याहं गौरतलब है कि जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है, इसरो द्वारा चंद्रयान-3 की कक्षा को लगातार कम करने और इसे चंद्र ध्रुवों पर स्थापित करने के लिए कदमों की प्रगति का निर्देश दिया जा रहा है। इसरो ने एक्स पर कहा कि कक्षा गोलाकार चरण शुरू हो गया है। आज किए गए सटीक अभ्यास ने 150 गुना 177 किमी की निकट-गोलाकार कक्षा हासिल की है अगला ऑपरेशन 16 अगस्त, 2023 को लगभग सुबह 8.30 बजे के आसपास करने की योजना है।
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस मैनेजमेंट के दायरे में, युद्धाभ्यास को अंजाम देने से पहले
अन्य चंद्र ऑर्बिटर्स के साथ निकट दृष्टिकोण के संभावित जोखिमों का आकलन करने के लिए कक्षा को कम करने के लिए चंद्र-बाउंड युद्धाभ्यास में से प्रत्येक का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया जा रहा है। उससे 6 अगस्त की देर रात, अंतरिक्ष यान का दूसरा चंद्रमा-संबंधी कौशल, जो चंद्र कक्षा में प्रवेश के एक दिन बाद आया था, अंडाकार चंद्र कक्षा, अपोलोन (चंद्रमा से सबसे दूर बिंदु) पर अंतरिक्ष यान की ऊंचाई 18,074 किमी से घटाकर 4,313 किमी कर दी गई थी। अब फिर इसरों को इसमे बड़ी सफलता मिली है।