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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलील से भाजपा का गरीब विरोधी चेहरा उजागर:ललन सिंह
पटना । बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य की जाति आधारित गणना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलील से भाजपा का गरीब विरोधी, ओबीसी विरोधी, आरक्षण विरोधी रुख उजागर हुआ है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील का हवाला देते हुए यह भी आरोप
लगाया कि पूर्व अटॉर्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं के वकील के रूप में पेश हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावी लाभ के लिए एक ओबीसी समर्थक चेहरा पेश करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ओबीसी से होने का दावा करना इस रणनीति का एक हिस्सा है, लेकिन इसका चरित्र गरीब विरोधी, ओबीसी विरोधी और आरक्षण विरोधी है।
भाजपा ने हमेशा दावा किया है कि वह जाति सर्वेक्षण के समर्थन में है, लेकिन उसने पर्दे के पीछे से इसमें बाधा डालने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया कि पटना उच्च न्यायालय में तिगत सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं के पीछे भाजपा ही थी। जदयू प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह अमित शाह के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाति सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में भाजपा की भागीदारी बिल्कुल स्पष्ट है।
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