- किसान को धान की फसल के लिए पानी नहीं मिला तो कर सकते हैं आत्महत्या- गोपाल सिंह ठाकुर

डबरा। वर्तमान समय में ईश्वर ने भी किसानों की तरफ से मुख मोड़ लिया है आसमान से वर्षा हो नहीं रही खेतों में खड़ी धान की फसल सूख चुकी है किसान एक-एक बूंद पानी के लिए परेशान है। जिला कलेक्टर और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने हरसी बांध से पानी देना पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। 20 दिन गुजर चुके हैं अगर किसान को वक्त रहते पानी नहीं मिला तो किसान आत्महत्या कर सकते हैं यह बात प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में किसान यूनियन टिकेट के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ठाकुर ने  कहीं।

       गोपाल सिंह ठाकुर ने कहा वर्तमान समय में हालत इतने गंभीर हो चुके हैं कि अंचल का एक-एक किसान खून के आंसू पी रहा है पानी की कमी के चलते फसले नष्ट हो चुकी हैं प्रशासन सुन नहीं रहा है और विद्युत मंडल बिजली देने को तैयार नहीं है ऐसी स्थिति में किसान के सामने एक ही स्थिति है वह सिर्फ आत्महत्या।

 पानी को लेकर हो चुकी है एक हत्या.....

       ठाकुर गोपाल सिंह ने कहा अनुभाग के अंतर्गत किसान को पानी की कितनी आवश्यकता है इसी बात को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीते दिवस जरावनी और बरुआ के किसानों ने पानी की मांग को लेकर विद्युत मंडल के फीडर पर हमला बोल दिया जिस हमले में रावत समुदाय के लोग एक दूसरे के आमने-सामने आ गए और लाठियां चल गई जिसमें एक महेंद्र रावत नामक व्यक्ति की हत्या भी हुई है। अगर मध्य प्रदेश शासन और जिला कलेक्टर जोन के कमिश्नर ने पानी की समस्या का हल नहीं निकला तो आने वाले समय में बहुत विकराल स्थिति हो सकती है।

ठाकुर गोपाल सिंह ने कहा अभी भी वक्त है एक हफ्ते का प्रशासन के पास अगर एक हफ्ते के अंदर किसानो की समस्या का निराकरण नहीं किया तो किसान यूनियन टिकट के हजारों कार्यकर्ता जिला कलेक्टर का धेराव करेंगे और किसान की समस्या का समाधान करने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे गोपाल सिंह ठाकुर ने कहा बीते तीन दशक पूर्व की अगर बात करें तो लगातार तीन वर्षों से किसान कोरोना की मार झेल रहा है लगातार महंगाई के दौर में किसान अपनी फसल की पैदावार कैसे कर रहा है यह तो सिर्फ किसान ही जानता है हालत इतने गंभीर है कि अगर किसान की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो एक बात अवश्य मान लेना कि किसान के सामने आत्महत्या के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है।


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