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करोड़ों की संपत्ति के मालिक बीपीएल कार्ड होल्डर को आयकर ने किया तलब
- मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के करीबी आरोपी सुरक्षाकर्मी को दिया समन
लखनऊ । बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) गुजर बसर करने वाले एक सुरक्षाकर्मी को नए समन जारी किए हैं। सुरक्षाकर्मी पर मारे गए गैंगस्टर और नेता अतीक अहमद से जुड़े होने का आरोप है। आयकर विभाग के अनुसार इस बीपीएल कार्ड धारक के पास उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये मूल्य के छह भूखंड थे। आयकर विभाग ने साथ ही संबद्ध लोगों के बयान दर्ज किए। विभाग का एक दल सुरक्षाकर्मी सूरज पाल के प्रयागराज जिले के पीपलगांव स्थित घर पहुंचा और उसके परिजन को पाल के खिलाफ जारी समन सौंपा। बताया जाता है कि पाल फरार है और उसकी बेटी द्वारा विभाग के समक्ष दर्ज कराए गए बयान के अनुसार परिवार को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पाल कहां है। आयकर विभाग ने पाल को अतीक अहमद और उसके गिरोह के सदस्यों की 40 से अधिक संपत्तियों के ‘बेनामीदार के रूप में चिह्नित किया है। अतीक अहमद (60) और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की अप्रैल माह में तीन हमलावरों ने उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब प्रयागराज में पुलिस उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल ले जा रही थी।
कहा जाता है कि पाल, खालिद अजीम के रिश्तेदार मोहम्मद अशरफ का सुरक्षाकर्मी है। आयकर विभाग के मुताबिक, पाल के पास बीपीएल राशन कार्ड है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने इस सप्ताह पाल के एक पड़ोसी सहित कुछ स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए थे। सूत्रों के अनुसार, पाल के पड़ोसी ने आयकर विभाग के अधिकारियों को बताया था कि वह करीब दस वर्षों से पाल के पड़ोस में रह रहा है, लेकिन नहीं जानता कि पाल क्या काम करता है। आयकर विभाग ने स्थानीय सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के प्रभारी (कोटेदार) का बयान भी दर्ज किया, जिसमें कोटेदार ने कहा कि पाल परिवार ने 2021 तक राशन लिया था।
सूत्रों ने बताया कि विभाग पाल से जुड़े और लोगों के बयान दर्ज कर सकता है। उसने पाल की तलाश भी शुरू कर दी है। आयकर विभाग ने पाल को पूछताछ के लिए 2019 के अंत में तलब किया था। उसके पेश नहीं होने पर विभाग ने पिछले महीने प्रयागराज में उसके छह भूखंड को अस्थाई तौर पर कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। इन भूखंड की कीमत 4.3 करोड़ रुपये से अधिक थी। आयकर विभाग को संदेह है कि अतीक अहमद, उसके परिजन और मोहम्मद अशरफ सहित अन्य सहयोगी इन संपत्तियों के असली मालिक हैं।
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