- मां के जयकारों से भक्तिमय हुआ नगर


भितरवार।  शारदीय नवरात्रि के छठवे माता के स्वरूप के दर्शन के लिए   शुक्रवार को देवी मंदिर और पूजा पंडाल मैं मां के जयकारे देर रात तक गूंजते रहे। मां दुर्गा के पंडालों में मां के पांचवे स्वरूप के दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु भक्त पहुंचे तो वही नगर के मुख्य चौराह स्थित बंगला वाली माता पर भक्तों ने  त्रिवेणी रूप में सजी माता की झांकी की आराधना करते हुए सामूहिक आरती उतारते हुए मां जगत जननी जगदंबा से नगर की खुशहाली की कामना की।
जैसे-जैसे नवरात्रि महोत्सव समापन की ओर बढ़ रहा है वैसे वैसे मंदिरों और पंडालों में भक्तों की भीड़ बढ़ रही है। शुक्रवार  को बंगला वाली माता सहित नगर में विराजित माता के दरबार मे भक्तों  के द्वारा जगह जगह मां शारदा , मां  काली और दुर्गा के रूपों की रंग बिरंगी साज-सज्जा से सुशोभित झांकियों की आरती उतारी जिसमें हजारों माता रानी के भक्त शामिल हुए।
माता के जयकारों से भक्तिमय हुआ शहर -
काली माता मंदिर प्रांगण पर खटीक समाज द्वारा एक बार फिर मां काली की आकर्षक झांकी लगाई गई है जिसमें भी हजारों मां के भक्तों का आना जाना दर्शनार्थ लगा रहा। तो वही दाऊ धाम में जहां मां दुर्गा के दर्शनार्थ लोग पहुंच रहे हैं तो वही प्रांगण में लगे मीना बाजार का भी लोग मां के दर्शनों के साथ लाभ उठा रहे हैं। इस दौरान देखा जाए तो नगर में शाम 8:00 बजते ही नगर की सड़कें माता रानी के श्रद्धालु भक्तों से सराबोर नजर आती है हजारों श्रद्धालु इधर से उधर माता रानी के जयकारे लगाते हुए पंडालों पर दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। वही नगर में देखा जाए तो वार्ड क्रमांक 12, 13, 1, 2 , 3 , 4 , 5 ,6 ,7 ,8 9 ,10 , 14 मैं भी माता रानी के भक्तों ने माता रानी के पंडाल सजाए  है जहां भी श्रद्धा भाव से सुबह-शाम भक्तों के द्वारा माता रानी की पूजा अर्चना और आरती की जा रही है।

खेड़ापति माता सहित अन्य देवी मंदिरों पर लग रही है भीड़-

वैसे देखा जाए तो नगर का सुप्रसिद्ध प्राचीन लगभग 400 वर्ष पुराना मां दुर्गा का खेड़ापति मंदिर नगर के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित है। जहां का मनोरम दृश्य अपने आप श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लेता है क्योंकि एक और हरियाली से लक्षदित्य लक्ष्मणगढ़ पहाड़ी और किले की तलहटी है तो दूसरी ओर कलकल बहती पार्वती नदी जो लोगों को अपनी और आकर्षित कर लेती है। यहां बताते है कि शारदीय नवरात्रि के दौरान कोई भी भक्त सच्चे मन से मां खेड़ापति की आराधना करता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। उक्त मंदिर पर माता रानी के दर्शनार्थ और पूजा करने वाले लोग सुबह 4:00 बजे से ही मंदिर पहुंचना शुरू हो जाते हैं और जहां शुद्ध जल से माता रानी को सींचते हैं तत्पश्चात पूजा अर्चना करते हैं। और देर शाम को माता को सींचने वाले भक्त माता के दरबार में दीपक लगाने पहुंचते हैं जहां महिलाएं भी नाच गाकर माता को रिझाने के लिए देर रात तक भजन कीर्तन करती रहती है। इसी प्रकार क्षेत्र के सुप्रसिद्ध लखेश्वरी माता के दर्शनों के लिए भी हजारों लोग कोई पैदल तो कोई वाहनों से दर्शनों के लिए पहुंच रहा है। जिसके चलते नगर और अंचल में चारों ओर शक्ति की भक्ति दिखाई दे रही है तो वहीं हर जगह जय माता दी के नारे गुंजायमान हो रहे हैं।

माता की झांकी के साथ मीना बाजार बना आकर्षण का केंद्र

हर बार की तरह इस बार भी दाऊ धाम मंदिर में नवदुर्गा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें मंदिर ट्रस्ट और भक्तजनों के द्वारा जहां माता रानी की अष्टभुजी झांकी लगाई गई है, तो वही शिवपुरी के भागचंद शिवहरे द्वारा मंदिर प्रांगण में मीना बाजार सजाया गया है जिसमें बच्चों के लिए कई आकर्षक झूले लगे हुए जिनमें ड्रैगन ट्रेन, जीप कार, बाटर बोडिंग,मिक्की माउस और अन्य कई प्रकार के झूले लगे हुए हैं जिन पर बच्चे नौजवान युवा और महिलाएं भी झूमकर मेला का लुत्फ उठा रहे हैं। तो वहीं घरेलू सामान संबंधी कई आकर्षक दुकान भी सजी हुई है जहां देर रात तक महिलाएं घरेलू सामान की खरीदारी कर रही है तो वहीं बच्चों के लिए खेल खिलौने और कई प्रकार के मनोरंजन से परिपूर्ण इंस्टॉल लगे हुए साथ ही कई लजीज व्यंजन के स्टॉल मेला में लगे हुए हैं जिनका आनंद माता रानी के दर्शनों के साथ लोग उठा रहे हैं। जिसमें हजारों की तादाद में लोग पहुंच रहे हैं।

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