भले ही उसका धर्म इस बात की अनुमति देता हो
दिसपुर । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार के किसी भी कर्मचारी को दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं मिलेगी, भले ही धर्म इसकी अनुमति देता हो। उन्होंने कहा कि शादी करने वाले उस सरकार कर्मचारी को सरकार से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि हमें इसतरह के मामले मिलते हैं जहां मुस्लिम पुरुष दो महिलाओं से शादी करते हैं और बाद में दोनों पत्नियां एक ही व्यक्ति की पेंशन के लिए लड़ती हैं। ये कानून पहले से था, अब हमारी सरकार ने इस कानून को लागू करने का फैसला किया है।
निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी द्विविवाह करके नियम का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, तब उसके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी और उसके बाद उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अपने आदेश में, नीरज वर्मा ने असम सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 26 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी जीवित है, सरकार की अनुमति लिया बिना दूसरी शादी नहीं करेगा।
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यह निर्देश उन समुदायों से संबंधित व्यक्तियों पर भी लागू होता है जहां पहले जीवित पति/पत्नी की उपस्थिति में दूसरी शादी की अनुमति है। वर्मा ने कहा, इसके बावजूद कि उस पर लागू पर्सनल लॉ के तहत इस तरह की अगली शादी की अनुमति है। महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए, आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी सरकार की अनुमति के बिना किसी उस व्यक्ति से शादी नहीं करेगी, जिसका जीवित जीवनसाथी हो। इस नए नियम के तहत, राज्य सरकार का अनुशासनात्मक प्राधिकरण उल्लंघन के मामलों में विभागीय कार्यवाही शुरू करेगा।