- इंडिया के सहयोगी दलों के उम्मीदवार दे रहे टेंशन
भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा-कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन के दल-सपा, बसपा, आप और जदयू भी पूरे दमखम के साथ हुंकार भर रहे हैं। इंडिया गठबंधन के दलों की वजह से खासतौर से कांग्रेस मुश्किल में दिखाई दे रही है। प्रदेश की 230 में से तकरीबन 92 सीटों पर कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के अलावा इंडिया गठबंधन के दलोंं से भी है। इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं, जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत कम अंतर से जीती थी। जबकि 6 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस बहुत कम अंतर से हारी थी। जानकारों का कहना है कि इन सीटों पर इंडिया गठबंधन के दलों की वजह से कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

हम बता दें कि प्रदेश की चंदला, नागौद, मैहर, सिंगरौली, इंदौर-5 और जबेरा विधानसभा सीट पर पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत कम वोटों के अंतर से हारी थी। कहने का मतलब है इन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस हार के बावजूद भी अच्छी स्थिति में थी। लेकिन इस बार इन सीटों पर सपा, आप और जदयू ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इन सीटों पर इंडिया गठबंधन के दलों की सक्रियता कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रही है।
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इन सीटों पर कम वोटों के अंतर से जीती थी
पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हंै कि ग्वालियर दक्षिण, पिछोर, पृथ्वीपुर, राजनगर, छतरपुर, दमोह, गुन्नौर और जबलपुर उत्तर सीट पर कांग्रेस बहुत कम वोटों के अंतर से जीती थी। तब कांग्रेस की कोई खास मजबूत स्थिति नहीं थी। कांग्रेस इस बार इन सीटों को खोना नहीं चाहती है। लेकिन इंडिया गठबंधन के दल- सपा, आप और जदयू ने यहां अपने उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के लिए टेंशन पैदा कर दी है।