-इजरायल-हमास जंग पर लिखे लेख में कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष ने किया हमास का बचाव
नई दिल्ली । इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में सोनिया गांधी ने हमास का पक्ष लेते हुए एक लेख लिखा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक आर्टिकल में लिखा है कि कांग्रेस का मानना है कि सभ्य दुनिया में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद हमने इसकी निंदा की। वहीं गाजा और उसके आसपास इलाकों में इजरायली सेना के अभियानों की वजह से हालात और गंभीर हो गए हैं, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में निर्दोष बच्चों, महिलाओं और पुरुषों समेत हजारों लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने लिखा कि इजरायल का टारगेट अब उस आबादी से बदला लेने का है,

जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली सैन्य शस्त्रागारों में से एक की विनाशकारी ताकत बच्चों, महिलाओं और पुरुषों पर लागू की जा रही है, जिनका हमास के हमले से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बजाय, अधिकांश भाग के लिए वे दशकों के भेदभाव और पीड़ा के केंद्र में रहे हैं। इस युद्ध की वजह से कई परिवारों का सफाया हो गया है। आसपास के इलाके मलबे में तब्दील हो गए हैं। इस विशाल मानवीय संकट का सामना करने के लिए चिकित्सा सुविधाएं असमर्थ हैं। फिलिस्तीनी लोगों के लिए पानी, भोजन और बिजली नहीं देना सामूहिक सजा से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि बाहरी दुनिया के लोग जो मदद करना करना चाहते हैं, उन्हें गाजा से बाहर ही रोक दिया गया।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जरूरतमंदों तक राहत और सहायता काफी कम मात्रा में पहुंच रही है। यह न सिर्फ अमानवीय है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन भी है। सोनिया गांधी ने लिखा कि अब वेस्ट बैंक में भी तनाव बढ़ गया है और संघर्ष बढ़ रहा है। इजरायल के सीनियर अधिकारी गाजा के बड़े हिस्से को नष्ट करने की बात कह रहे हैं। वहां के रक्षा मंत्री ने फिलिस्तीनियों को मानवीय जानवर बताया है। यह अमानवीय भाषा चौंकाने वाली है, जो उन लोगों के वंशजों की है, जो खुद नरसंहार के शिकार थे। सोनिया गांधी ने लिखा कि मानवता अब परीक्षण पर है।
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इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से कमजोर हो गए थे और अब इजरायल की समान प्रतिक्रिया से अब हम सभी कमजोर पड़ गए हैं।
सोनिया ने गाजा पर इजरायल की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर फिलिस्तीनियों की पीड़ा के लंबे इतिहास को नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो किस तर्क से कुछ लोगों के लिए पूरी आबादी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? कांग्रेस नेता ने कहा कि यह लगातार कहा जा रहा है कि फिलिस्तीनियों द्वारा सामना करने वाली समस्याएं केवल बातचीत के जरिए ही हल की जा सकती हैं। इसमें उनकी आकांक्षाओं को शामिल किया जाना चाहिए, जिसमें एक संप्रभु राज्य की आकांक्षा भी शामिल है, जिसे दशकों से उन्हें अस्वीकार कर दिया गया है। साथ ही साथ इजरायल की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। लेख में लिखा है कि इस युद्ध में कांग्रेस का स्टैंड क्लीयर है, न्याय के बिना शांति नहीं हो सकती है। करीब 15 सालों से इजरायल ने गाजा में रहने वाले लोगों को खुली जेल में बदल दिया है।