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अकील की पारिवारिक की कलह में भोपाल उत्तर विधानसभा में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी
-आमिर, नासिर, सऊद बिगाड़ेंगे कांग्रेस का गणित
भोपाल,। नामांकन वापसी के बाद भोपाल जिले के सात विधानसभा सीटों पर 96 उम्मीदवार चुनाव मैदान में बचे हैं। इस बीच भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल कर लिया है। कांग्रेस यहां बगावती तेवर दिखा रहे पूर्व विधायक जितेंद्र डागा को मनाने में सफल हो गई है। लेकिन कांग्रेस का अभेद्य किला मानी जाने वली भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर बागियों ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यहां मौजूदा कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील के सामने चाचा आमिर अकील और नासिर इस्लाम ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ताल ठोककर कांग्रेस की जीत में रोड़े अटका दिए हैं। कहने का मतलब है कि कांग्रेस की कलह ने किसी हद तक भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा की जीत की राह आसान कर दी है।
जानकारी के अनुसार आमिर के समर्थन में दो पूर्व पार्षद अब्दुल शफीक और मोहम्मद सऊद ने अपने नामांकन वापस ले लिए। दोनों पूर्व पार्षदों ने आमिर के लिए प्रचार करने की बात कही है। इसके साथ उन्होंने दावा किया कि भोपाल उत्तर विधानसभा में अब आमिर अकील और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रहेगी। हालांकि, इस सीट पर आप के उम्मीदवार मोहम्मद सऊद भी मुस्लिमों का प्रभावी चेहरा होने से कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। राजनीतिक विज्ञानियों का कहना है कि कांग्रेस उम्मीदवार आतिफ अकील को जितनी बड़ी चुनौती कांग्रेस के बागी चाचा आमिर अकील और नासिर इस्लाम से है, उससे कहीं बड़ी दिक्कत मोहम्मद सऊद बन गए हैं।
भोपाल की गोविंदपुरा सीट से निर्दलीय उतरे कांग्रेस के प्रदेश सचिव पक्ष खामरा ने न सिर्फ नामांकन वापस ले लिया, बल्कि भाजपा का दामन थाम लिया है। खामरा कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। इस सीट पर भाजपा की मौजूदा विधायक एवं उम्मीदवार कृष्णा गौर के सामने कांग्रेस ने रवींद्र साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है।
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