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विदेश मंत्री का नापतूला बयान, आतंकवाद का एक बड़ा कृत्य, लेकिन फिलिस्तीन मुद्दे का समाधान जरुरी
रोम। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद का एक बड़ा कृत्य है और हम सभी को इसके खिलाफ खड़े होने की जरूरत है, लेकिन साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान की जरूरत पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद का एक बड़ा कृत्य है और उसके बाद की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को एक अलग दिशा में ले जाया है। इसके भीतर हमें विभिन्न मुद्दों के बीच संतुलन बनाना होगा... हम सभी को आतंकवाद अस्वीकार्य लगता है और हमें आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा लेकिन फिलिस्तीन का भी एक मुद्दा है।
नई दिल्ली की स्थिति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि आपको कोई समाधान ढूंढना है, तब आपको इस बातचीत और बातचीत के माध्यम से ढूंढना होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा विचार है कि इस दो-राज्य समाधान होना चाहिए। आप संघर्ष और आतंकवाद के माध्यम से समाधान नहीं ढूंढ सकते हैं इसलिए हम इसका भी समर्थन करेगे, वर्तमान स्थिति को देखते हुए। हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हर किसी को सम्मान करना चाहिए। विशेष रूप से भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की वकालत की है जो इजराइल के साथ शांति से रहे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 7 अक्टूबर के हमलों के बाद कहा कि भारत ने हमेशा इजराइल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है। वह स्थिति वैसी ही बनी हुई है।
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