नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विधायक दल की बैठक की। ईडी के समन और उनकी गिरफ्तारी को लेकर हो रहे दावे के बीच यह बैठक दिल्ली विधानसभा में हुई। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस दौरान सभी विधायकों ने अपनी-अपनी बातें रखीं। इसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगर गिरफ्तार होते हैं तो वो जेल से ही दिल्ली सरकार चलाएंगे। कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को सरकार चलाने का जनादेश दिया है। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में रखा जाए तो उनको इस्तीफा देना पड़ेगा। पत्रकारों से बात करते हुए सौरभ भारद्वाज ने निशाना साधा कि आज मोदी जी और बीजेपी को सिर्फ अरविंद केजरीवाल से डर लगता है। उन्होंने समझ लिया है कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव नहीं षडयंत्र करके ही सत्ता से हटाया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी को अगर किसी पार्टी से सबसे ज्यादा समस्या है तो वह है आम आदमी पार्टी। आम आदमी पार्टी के विधायकों-मंत्रियों के बाद बीजेपी की नजर अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर है। इससे साफ है कि अगर प्रधानमंत्री और बीजेपी को अगर किसी से डर है तो वो हैं अरविंद केजरीवाल। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी से बीजेपी तीन-तीन चुनाव हार चुकी है। अब तो एमसीडी भी हाथ से गई। उन्होंने बताया कि इस बैठक में आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने कहा कि अक्सर अरविंद केजरीवाल के ऊपर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाया जाता है। अब अगर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया तो दिल्ली की सत्ता कैसे चलेगी? अब तो अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
ऐसे में सभी विधायकों ने हाथ जोड़कर अरविंद केजरीवाल से कहा है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री तो चाहते हैं कि आप की सत्ता छीन ली जाए। लेकिन कुछ भी हो जाए अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली की सरकार चलाएंगे। इस जनादेश के साथ खिलवाड़ करने या धोखा देने का हक किसी को भी नहीं है। आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरी संविधान विशेषज्ञों समेत कई लोगों से बात हुई है। आज तक के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि एक सीटिंग मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में डाल दिया गया हो। दोष सिद्धि होना एक अलग बात है। कानून और संविधान के अंदर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दिल्ली या किसी भी राज्य की जनता का जो वोट करने और अपनी सरकार चुनने का मौलिक अधिकार है, इसको चुनौती दे सकें। यह अधिकार जनता का है