- पटना की ‘सिन्हा लाइब्रेरी में लगेगी संस्थापक सच्चिदानंद सिन्हा की प्रतिमा

पटना की ‘सिन्हा लाइब्रेरी में लगेगी संस्थापक सच्चिदानंद सिन्हा की प्रतिमा


पटना । आधुनिक बिहार के निर्माताओं में शामिल सच्चिदानंद सिन्हा की आदमकद प्रतिमा उस पुस्तकालय के परिसर में लगेगी। जिसे उन्होंने करीब एक शताब्दी पहले पटना में स्थापित किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बाबत ‘सिन्हा पुस्तकालय के परिसर में काम किया जा रहा है। उनकी प्रतिमा धातु और मिश्र धातु से बनी होगी। इस पुस्तकालय को अगले साल फरवरी में 100 साल पूरे हो जाएंगे। 

 

पटना की 'सिन्हा लाइब्रेरी'' में लगाई जाएगी संस्थापक सच्चिदानंद सिन्हा की  प्रतिमा - statue of sachchidanand sinha will be installed in sinha library -mobile

प्रतिमा के अनावरण की तारीख को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सिन्हा की 10 नवंबर को पड़ने वाली जयंती से पहले इस हफ्ते इसका अनावरण कर सकते हैं। भारत की संविधान सभा की जब पहली बैठक दिल्ली में साल 1946 में हुई थी, तब सिन्हा उसके अस्थायी अध्यक्ष थे।एक बैरिस्टर, जनप्रतिनिधि, पत्रकार और विश्वविद्यालय प्रशासक के रूप में अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं।

पटना की 'सिन्हा लाइब्रेरी'' में लगाई जाएगी संस्थापक सच्चिदानंद सिन्हा की  प्रतिमा - statue of sachchidanand sinha will be installed in sinha library -mobile

 वह उस आंदोलन में भी सबसे आगे रहे, जिसके कारण 1912 में पृथक बिहार और उड़ीसा प्रांत का निर्माण हुआ जिसकी राजधानी पटना थी। उन्होंने 1924 में पुस्तकालय की स्थापना की, जहां विद्यार्थियों, इतिहासकारों व पुस्तक प्रेमियों की अनेक पीढ़ियों ने अध्ययन किया है। पटना के मध्य में स्थित दो मंजिला पुरानी इमारत को आधिकारिक तौर पर श्रीमती राधिका सिन्हा इंस्टीट्यूट और सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी के तौर पर स्थापित किया गया था। यह ‘सिन्हा लाइब्रेरी के तौर पर प्रसिद्ध है। संस्थान का नाम उनकी पत्नी के नाम पर है।
संस्थान का संचालन श्रीमती राधिका सिन्हा इंस्टीट्यूट और सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सुनील कुमार ने कहा कि पुस्तकालय में 1.8 लाख किताबों और 1901 के बाद के समाचार पत्रों की कुछ सबसे पुरानी प्रतियों का समृद्ध संग्रह है।

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कुमार ने कहा, पुस्तकालय का उद्घाटन नौ फरवरी 1924 को बिहार और उड़ीसा के तत्कालीन गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने किया था। हम इसके 100 वर्ष होने के मौके पर अगले साल 9-11 फरवरी तक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। सिन्हा का जन्म 10 नवंबर 1871 को पटना के पास आरा में हुआ था। इंग्लैंड से लौटने के बाद उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की। 1916 में पटना उच्च न्यायालय के निर्माण के बाद, उन्होंने वहां वकालत शुरू कर दी। सिन्हा 1936 से 1944 तक पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे।
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