नई दिल्ली । अधिकतर विदेशी ब्रोकरेज कैलेंडर वर्ष 2024 में घरेलू शेयर बाजार में बढ़त को लेकर उत्साहित हैं। हालांकि वे वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाक्रम, कच्चे तेल की कीमतें और इस पृष्ठभूमि में केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए जाने वाले कदम को लेकर सतर्क भी है क्योंकि बाजार पर इसका असर पड़ सकता है। उनका मानना है कि अगले साल अप्रैल-मई में देश में होने वाले आम चुनाव से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है और निवेशकों की नजरें भी इस पर टिकी होंगी। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि 2024 के अंत तक निफ्टी 50 सूचकांक 21,800 के स्तर को छू सकता है, जो मौजूदा स्तर से करीब 11 फीसदी अधिक है। उनका कहना है कि वर्ष 2024 का पहला हिस्सा चुनाव-पूर्व रुझान और सरकारी खर्च में सुधार पर केंद्रित होगा।
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चुनाव के बाद निवेश में फिर तेजी आएगी, खास तौर पर निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि इस बीच भारतीय कंपनी जगत का मुनाफा 2014 में 15 फीसदी और 2025 में 14 फीसदी बढ़ सकता है और यह वृद्धि लगभग सभी क्षेत्रों में देखी जा सकती है। हालांकि यूबीएस के विश्लेषक बाजार में तेजी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। यूबीएस के उभरते बाजारों और एशिया ने कहा कि 2024 की पहली छमाही में रिटर्न सपाट रह सकता है।