मुंबई। आज से 15 साल पहले मुंबई में 26/11 का हमला हुआ था। हमले में मुंबई के होटल ताज में एक बच्ची को आतंकी ने गोली मार दी और उसे मरा हुआ समझकर छोड़ दिया। फिर इसी बच्ची ने आतंकी कसाब की पहचान की और उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया। अब यही बच्ची बड़ी हो गई है और किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है। 26/11 हमले 164 लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कसाब की गोली खाकर बचकर निकली नन्ही चश्मदीद देविका आज किस हाल में है? इसने 2009 में आतंकी की पहचान की थी और मौत के फंदे तक पहुंचाया। हमले के वक्त नौ साल की देविका रोटावन आज 24 साल की हो चुकी है। आतंकी हमले के बाद से देविका की जिंदगी किसी सेलीब्रेटी से कम नहीं रही। कौन बनेगा करोड़पति से लेकर कई डांस शोज में वो आ चुकी है लेकिन, उनकी लाइफ सुधर नहीं पाई, क्या-क्या झेलना पड़ा।
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देविका रोटावन कहती हैं, मुझे 26/11 को याद करने के लिए किसी सालगिरह की जरूरत नहीं है। 15 साल पहले भीड़ भरे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर आतंकवादी अजमल कसाब ने जब कत्लेआम मचाया था, तब देविका नौ साल की थी। वह सबसे कम उम्र की गवाह भी रही है। देविका ने भरी अदालत में कसाब की पहचान की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, देविका बताती है,उस वक्त मेरी उम्र 10 साल रही होगी जब 2009 में कोर्ट में सुनवाई के दौरान मैंने कसाब को पहचाना था। कसाब ने तब एक नजर में मुझे देखा और फिर नजरें नीचे झुका दी। इंसाफ मिला लेकिन, मेरी लाइफ इतनी आसान नहीं थी। स्कूलों ने मारे डर के मुझे एडमिशन नहीं दिया। कहा कि मेरे रहने से और बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। खैर किसी तरह पढ़ाई पूरी हुई। हां कई संस्थाओं और सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी मिलती रही। क्योंकि मेरे पिता की आय उतनी नहीं है। हमले के बाद से हमारी दुकान भी बंद हो गई।
देविका ने 2006 में लंबी बीमारी के कारण अपनी मां को खो दिया था और उनके पिता 26/11 हमले से पहले सूखे मेवे बेचते थे। हालाँकि, जब वह देविका के इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे, तब उनका व्यवसाय बंद हो गया। उनके दो बड़े भाई हैं- एक अपने परिवार के साथ पुणे में रहता है, जबकि दूसरा रीढ़ की हड्डी में संक्रमण के कारण विकलांगता से पीड़ित है। तीन साल में ठीक हो गईं देविका को 2014 में टीबी हो गई थी और उन्हें लंबे समय तक इलाज से गुजरना पड़ा।