नई दिल्ली । वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना वाहन चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बगैर पीयूसी प्रमाणपत्र वाला वाहन जब पेट्रोल पंप पर पहुंचेगा तो उसका चालान कट जाएगा। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र जांच और चालान के लिए विशेष कैमरे लगाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार की योजना दिल्ली के सभी पेट्रोप पंपों पर पीयूसी प्रमाणपत्र जांच के लिए विशेष कैमरे लगाने की है। अभी चार पेट्रोल पंपों पर यह व्यवस्था शुरू की गई है, जल्द एक साथ 25 पेट्रोल पंपों पर भी शुरू होगी। अभी दिल्ली में 23 लाख से अधिक वाहन बिना पीयूसी प्रमाणपत्र के दौड़ रहे हैं। इन वाहनों के मालिकों को परिवहन विभाग की ओर से नोटिस भेजे गए हैं।
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यह व्यवस्था चालान काटने से संबंधित है। बगैर पीयूसी प्रमाणपत्र वाले जो वाहन पेट्रोल पंप पर पहुंचेंगे, कैमरा नंबर पढ़कर चालान काटेगा। इसी के तहत कैमरे लगाए जाने की योजना है। परिवहन विभाग का कहना है कि उन्हें यह तो पता चल जाता है कि किस वाहन का पीयूसीसी समाप्त हो चुका है, विभाग उन्हें नोटिस भी भेजता है। मगर विभाग के पास ऑनलाइन चालान काट देने की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली में गंभीर श्रेणी में पहुंच चुके प्रदूषण के स्तर के बीच वाहनों ने दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में 23 लाख 80 वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र नहीं है। इनमें तीन लाख 80 हजार कारें और 19 लाख 20 हजार दोपहिया शामिल हैं। इसके अलावा 80 हजार के करीब अन्य श्रेणी के वाहनों के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं हैं। इसी के साथ ही परिवहन विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार पेट्रोल पंपों पर विशेष कैमरे लगाए हैं। वहां पहुंचने वाले वाहनों की जांच की जा रही है। उसमें सामने आया है कि 20 प्रतिशत वाहन वहां बगैर पीयूसी वाले पहुंचे हैं।