नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता गुरुवार को भी खराब श्रेणी में बनी रही। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली की माने तो दिल्ली में बीते दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 276 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह तक राजधानी का एक्यूआई 420 दर्ज किया गया। राजधानी के लिए आंकड़ा बेहद खतरनाक है।
हालांकि, सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार सुबह 8 बजे आनंद विहार में एक्यूआई 348, आईटीओ में 313 और अशोक विहार इलाके में 323 रहा। लेकिन आज सुबह तक इन आंकड़ों ने राजधानी की टेंशन बढ़ा दी है। आनंद विहार में 377 एक्यूआई दर्ज किया गया तो वहीं अली नगर में यह आंकड़ा 391 पहुंच गया है। वहीं, राजधानी की आबोहवा से लोगों का जीवन दुश्वार हो चुका है। इसे लेकर शहर के एक साइकिल चालक देव ने कहा प्रदूषण का स्तर अब बहुत अधिक लग रहा है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है
, दृश्यता प्रभावित होती है और कभी-कभी सिरदर्द भी होता है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 11 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में बारिश नहीं होने की भविष्यवाणी की है। पूरे शहर में सुबह के समय आसमान साफ रहेगा और हल्के से मध्यम कोहरा रहेगा। दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों से हवा की गुणवत्ता गंभीर से बहुत खराब के बीच देखी जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप-3 को हटा लिया गया है लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ग्रैप-1 और 2 को सख्ती से लागू किया जाए।
बता दें, जीआरएपी 3 तब लगाया जाता है जब एक्यूआई 400 होता है, लेकिन यह कम एक्यूआई के बावजूद जारी रहता है क्योंकि दिवाली के बाद एक्यूआई में उतार-चढ़ाव दिखाई दे रहा था। यदि हवा की गति धीमी हो जाती है, तो एक्यूआई फिर से बढ़ सकता है, इसलिए जीआरएपी-1 और जीआरएपी-2 को सख्ती से लागू किया जा सकता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 100 तक अच्छा, 100 से 200 तक मध्यम, 200 से 300 तक खराब, 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर को गंभीर माना जाता है।