नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी से निष्कासित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की धन शोधन मामले में कार्रवाई पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में उन्होंने साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से संबंधित एक अन्य मामले में आरोप तय होने तक उनके खिलाफ धन शोधन मामले में कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
दंगे भड़काने की साजिश से संबंधित मामले में आप से निष्काषित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के साथ-साथ शरजील इमाम, उमर खालिद और खालिद सैफी समेत 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किया गया धन शोधन का मामला दंगे की साजिश के मामले से संबंधित है।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक दंगे भड़काने के लिए मुखौटा कंपनियों का उपयोग करके कई करोड़ रुपये की हेराफेरी की। अदालत ने इस बात को रेखांकित किया कि ईडी ने मामले में इस साल जनवरी में आरोप तय किए गए थे, और आरोपों पर आदेश के खिलाफ हुसैन की अपील दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।