सूत्र ने बताया कि कात्याल से पूछताछ के दौरान ईडी को राजद नेताओं के खिलाफ कई नए सुराग मिले हैं।ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लालू प्रसाद यादव ने साल 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार किया था।
एफआईआर के मुताबिक, भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर गरीब अभ्यर्थियों को जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। मेसर्स ए के इन्फोसिस्टम्स प्रा. लिमिटेड आरोपियों में से एक है। कात्याल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे। लालू प्रसाद यादव की ओर से उक्त कंपनी द्वारा उम्मीदवारों की एक जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है।
कत्याल ने रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में उक्त कंपनी में कई अन्य जमीनें भी हासिल की थीं। ईडी ने कहा था कि जमीन हासिल करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर साल 2014 में लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए। इससे पहले, ईडी ने इस साल 10 मार्च को तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और लगभग 1.25 करोड़ रुपये के बराबर कीमती सामान जब्त किया गया था।ईडी ने 29 जुलाई को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।