नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। मोदी सरकार ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथान कानून (यूएपीए) के तहत की है। इस संगठन के सदस्यों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा है की ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संघठन घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को भड़काते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का संदेश स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।
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कट्टरपंथी सैयद अली शाह के निधन के बाद कट्टरपंथी हुर्रियत का अंतरिम चेयरमैन बनाये गए मसर्रत आलम साल 2015 से ही जेल में हैं। पहले कुछ समय तक वह कोट भलवाल जेल में रहा और पिछले चार वर्षो से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। मसर्रत आलम साल 2008 और 2010 में कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों का वह मुख्य सूत्रधार रहा है।