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क्षेत्रीय विश्वविद्यालय को नर्सिंग-पैरामेडिकल कोर्स का संचालन
-राज्य सरकार के निर्णय का विरोध
भोपाल,। मध्य प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स की पढ़ाई अब उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों में कराए जाने राज्य सरकार ने फैसला कर लिया है। यह पहली बार हो रहा है, ऐसा नहीं है बल्कि वर्ष 2015 से पहले तक नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों का संचालन क्षेत्रीय विश्वविद्यालय के जरिये ही होता था। डॉ मोहन यादव सरकार ने यह फैसला जबलपुर मेडिकल विवि की लापरवाही को देखते हुए लिया है। इस निर्णय का छात्र व फिजियोथैरेपिस्ट संघ ने विरोध किया है।
गौरतलब है कि प्रदेश की एकमात्र मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना से पहले तक नर्सिंग और पैरामैडिकल संकाय क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से ही संचालित किये जाते रहे हैं। तब अनेक तरह की समस्याओं को देखते हुए जिनमें, प्रमुखत: विशेषज्ञों की कमी के चलते इन्हें मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से जोड़ दिया गया था। अब उसी फैसले को पलटा जा रहा और एक बार फिर इन दोनों ही संकायों को मेडिकल यूनिवर्सिटी से अलग कर क्षेत्रीय विवि को सौंपा जा रहा है। '
जानकारों की मानें तो नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं, ऐसे में इन्हें संबंधित यूनिवर्सिटी से अलग करना उचित कैसे ठहराया जा सकता है। एक जानकारी अनुसार मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में करीब 300 कॉलेज संबद्ध हैं। इनमें नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों की संख्या सर्वाधिक है। राज्य सरकार के निर्णय को विरोध भी शुरु हो गया है। भौतिक चिकित्सक कल्याण संघ ने राज्य सरकार के निर्णय का विरोध कर फैसला वापस लेने की मांग कर दी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील पांडे ने सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
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