नोएडा । यमुना प्राधिकरण ने बिल्डरों को ऑफर दिया है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए उन्हें प्राधिकरण को बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान करना होगा। प्राधिकरण इस धनराशि से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण कर बिल्डरों को आवंटित जमीन पर कब्जा का रास्ता साफ करेगा। प्राधिकरण के इस ऑफर से रुकी हुई बिल्डर परियोजनाओं को गति मिल सकती है। प्राधिकरण चेयरमैन अनिल सागर के साथ बृहस्पतिवार को यीडा कार्यालय में हुई बैठक में बिल्डरों को बकाया राशि की जानकारी दी गई। यमुना प्राधिकरण ने नौ बिल्डर परियोजनाओं के लिए जमीन आवंटित कर रखी है। चार बिल्डर परियोजनाएं नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल में हैं। नौ बिल्डर पर प्राधिकरण का तकरीबन 4700 करोड़ रुपये बकाया है। इन बिल्डर परियोजनाओं में दस हजार फ्लैट खरीदार हैं, जिन्हें अपनी घर का इंतजार है। परियोजना पूरी न होने के कारण उन्हें फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल सका है, जबकि खरीदार फ्लैट की लागत का लगभग पूरा भुगतान कर चुके हैं। परियोजनाएं अधूरी होने के कारण प्राधिकरण के शहर में बसावट भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। बैठक में इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। बिल्डरों को इन सिफारिशों का लाभ देने के लिए चेयरमैन अनिल सागर ने उनके साथ बैठक की। बिल्डरों को सिफारिश के अनुसार गणना कर उनकी बकाया राशि की जानकारी दी गई। बिल्डरों से कहा गया है कि अगर उन्हें अमिताभ कांत समिति का लाभ लेना है तो सिफारिशों के अनुसार बकाया राशि का 25 प्रतिशत का प्राधिकरण को पहले भुगतान करना होगा, शेष राशि किस्तों में देने का विकल्प मिलेगा। बिल्डरों की ओर से कहा गया है कि प्राधिकरण उन्हें आवंटित भूखंड के पूरे हिस्से पर कब्जा नहीं दे पाया है।