ग्वालियर कलेक्टर-ग्वालियर/अध्यक्ष, जिला मूल्यांकन समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु अचल संपत्तियों की ‘गाईड लाईन’ के लिए दिनांक 03 मार्च,24 तक सुझाव माँगे गए थे । इसी को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष की भांति इस बात भी आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला ग्वालियर की अचल संपत्तियाँ जैसे कि भूमि एवं भवन आदि के मूल्यांकन हेतु “म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री” द्वारा अपनी आपत्ति एवं सुझाव कलेक्टर-ग्वालियर/अध्यक्ष, जिला मूल्यांकन समिति एवं वरिष्ठ जिला पंजीयक, पंजीयन कार्यालय, ग्वालियर को आज प्रेषित किए गए हैं । चेम्बर ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि चेम्बर द्वारा आज प्रेषित की गर्इं आपत्तियों एवं सुझावों में प्रमुख रूप से दो माँगों को शामिल करते हुए माँग की गई है कि शहरी क्षेत्रों में भूमि अथवा भूखण्ड का पंजीयन कराने पर जिला पंजीयक द्वारा शहरी शुल्क के साथ-साथ 1% पंचायत शुल्क वसूल किया जा रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र पंचायत के अन्तर्गत आता है । अतः पंचायत शुल्क को ग्रामीण क्षेत्र की भूमि अथवा भूखण्ड के पंजीयन पर वसूल किया जाना चाहिए और शहरी क्षेत्र में भूमि अथवा भूखण्ड के पंजीयन होने पर केवल शहरी क्षेत्र का ही शुल्क वसूल किया जाना चाहिए । इसी के साथ यह भी माँग की गई है कि बहुमंजिला भवन में जितने मंजिल भवन हैं, जमीन की कीमत को उतने भाग में बाँटने के बाद उसके अनुसार स्टॉम्प ड्यूटी वसूली जाए, जबकि वर्तमान में यह हो रहा है कि यदि भूखण्ड का क्षेत्रफल 10 हजार फीट है और उस पर 10 मंजिला भवन स्थापित है, तब पंजीयन कार्यालय द्वारा प्रत्येक मंजिल पर भूमि की कीमत को जोड़कर पंजीयन शुल्क वसूला जा रहा है, जबकि वास्तविक रूप से होना यह चाहिए कि भूखण्ड पर देय पंजीयन शुल्क की दरों को जितनी मंजिल का भवन है और अलग-अलग मंजिल की अलग रजिस्ट्री हो रही है, तब बराबर-बराबर विभक्त कर, तद्नुसार प्रत्येक मंजिल के पंजीयन शुल्क वसूल किया जाना चाहिए ।