- आगरा में चौंकाने वाला मामला हुआ उजागर, 24 घंटे में 55 पुलिस वाले निलंबित

आगरा में चौंकाने वाला मामला हुआ उजागर, 24 घंटे में 55 पुलिस वाले निलंबित

आगरा लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगाई गई थी। पुलिस और तमाम अफसर चुनाव में बहुत ज्यादा व्यस्त थे। ऐसे में कुछ पुलिस कर्मियों को लगा कि सभी व्यस्त हैं कोई देखने वाला नहीं है। फिर क्या था पासपोर्ट के नाम पर पुलिसकर्मियों ने लूट मचा दी। जब यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में आया तो एक साथ 55 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। साथ ही चेतावनी दे दी की आगरा में नौकरी करना है तो ईमानदारी से करें अन्यथा अपना ट्रांसफर भी करवा सकते हैं। तीन पुलिसकर्मी डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय के समक्ष पेश हुए। दरोगा ने डीसीपी सिटी के समक्ष अपना पक्ष रखा। कहा कि उसकी चौकी पर प्रतिदिन दो-चार पासपोर्ट रिपोर्ट के मामले आते थे। वह रुपये लेता तो सभी आवेदक शिकायत करते। पासपोर्ट रिपोर्ट के लिए बीट सिपाही जाते हैं। पता नहीं उसका नाम किसने थाने से बता दिया। जिस आवेदक की शिकायत पर निलंबन हुआ है उससे पूछा जाए कि रुपये किसके हाथ में दिए थे। वहीं एक सिपाही ने कहा कि वह सीसीटीएनएस में तैनात है। पासपोर्ट से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसका नाम थाने से गलत नोट कराया गया है।एक अन्य सिपाही ने भी अपनी सफाई पेश। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने पुलिस कर्मियों को भरोसा दिलाया कि इस मामले की जांच कराएंगे। उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होगा तो उनकी बहाली हो जाएगी। उनके पास सभी नाम फीड बैक सेल से आए थे। आगरा कमिश्नरेट में 24 घंटे में 55 पुलिसकर्मियों के निलंबन से खलबली मच गई है। सबसे ज्यादा प्रशिक्षु दरोगा दहशत में हैं। निलंबित पुलिस कर्मियों में पांच प्रशिक्षु दरोगा भी शामिल हैं। उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई है। इतने बड़े स्तर पर हुई कार्रवाई की धमक लखनऊ तक पहुंच गई है। कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो निलंबन के बाद खुद को निर्दोष बता रहे हैं। पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने बताया कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगने के बाद किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई थी। पुलिस फोर्स भी 40 दिन चुनाव में व्यस्त रहा। कुछ पुलिसकर्मियों ने इसी माहौल का फायदा उठाना शुरू कर दिया। जबकि सभी को निर्देश थे कि फीड बैक सेल की नजर पुलिस पर रहेगी। दो दिन में 55 पुलिसकर्मियों का निलंबन हुआ है। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। जिसे ईमानदारी से नौकरी नहीं करनी वह आगरा छोड़कर जा सकता है। अपना स्थानांतरण करा सकता है। शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। जल्द बदलेंगे थाना प्रभारी चुनाव के बाद कमिश्नरेट में सफाई अभियान शुरू हो गया है। पिछले ढाई महीने में पुलिस कर्मियों के खिलाफ जो भी शिकायतें हुई हैं उनमें अब कार्रवाई हो रही है। चर्चाओं को सही मानें जो जल्द ही थाना प्रभारियों में भी फेरबदल होने वाला है। शहर से लेकर देहात तक के कई थाना प्रभारी अधिकारियों के निशाने पर हैं। चुनाव के समय जानकार कार्रवाई नहीं की गई थी। चुनाव के समय किसी को हटाया जाता तो नई तैनाती के लिए चुनाव आयोग से अनुमति की जरूरत पड़ती। थाना प्रभारी ही नहीं कई चौकी प्रभारी भी जल्द हटेंगे।

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