हरिद्वार भाजपा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार के बयान पर चौतरफा प्रतिक्रियाऐं आ रही है। हरिद्वार के एक कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि भगवान राम सबके हैं और देश भी सबका है। देश में विभाजन का बीज बोना राष्ट्र की एकता के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। जाति, संप्रदाय और विचारधाराओं के आधार पर विभाजन पैदा करना राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है। हालांकि कुछ ही देर बाद संघ के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार अपने बयान से पलट गए और उन्होंने कहा कि देश चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन और मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से वह खुश हैं। इससे पहले इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी , वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय बडा सत्य है, बड़ा आनंददायक है। संघ ने किया किनारा वहीं दूसरी तरफ संघ ने भाजपा के साथ अपने मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया और इसे भ्रम पैदा करने की कोशिश करार दिया। संघ के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक संघ ने इस बात को भी मानने से इनकार किया कि लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर सरसंघचालक मोहन भागवत की आलोचनात्मक टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बनाकर की गई थीं। संघ और भाजपा सहित उसके सहयोगी संगठनों की तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से शुरू होगी। बैठक में भाजपा अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है । सूत्रों ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि आरएसएस इस बार भाजपा के समर्थन में उस तरह से चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं था, जिस तरह से वह पहले रहा है। उन्होंने कहा आरएसएस प्रचार नहीं करता, लेकिन लोगों में जागरूकता पैदा करता है और उसने चुनाव के दौरान अपना काम किया। पूरे देश में हमने लाखों सभाएं की हैं। अकेले दिल्ली में एक लाख से अधिक छोटे समूहों की बैठकें कीं।