- सिपाही के बेटे ने छत से चलाईं गोलियां, पुलिसवालों ने छिपकर बचाई अपनी जान

सिपाही के बेटे ने छत से चलाईं गोलियां, पुलिसवालों ने छिपकर बचाई अपनी जान

यहां एक रिटायर्ड दरोगा के सिपाही के बेटे व उसके भाई के दुस्साहस ने करीब 4 साल पहले कानपुर देहात में हुए बिकरू कांड की याद ताजा करा दी। जिस तरह गैंगस्टर विकास दुबे ने बेखौफ होकर घर की छत से पुलिस टीम पर गोलियां बरसाई थीं ठीक उसी अंदाज में छत पर चढ़कर सिपाही के बेटे ने पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं। घटना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना है योगेंद्र के सिर पर खून सवार था । राइफल लेकर योगेंद्र सीधे छत पर चढ़ गया। पुलिसवालों ने किसी तरह छिपकर अपनी जान बचाई। वह ललकारते हुए सभी पुलिसकर्मियों से जाने को कह रहा था। वहां उसने पुलिसकर्मियों की वर्दी खून से रंग डालने की धमकी देते हुए फायरिंग शुरू कर दी। गनीमत रही कि आसपास अंधेरा और खाली प्लाट होने से पुलिसकर्मी उसमें छुपकर किसी तरह अपनी जान बचा सके। अगर अंधेरा न होता तब किसी न किसी पुलिसकर्मी का निशाने पर आना तय था। पुलिस ने छत से 4 खाली खोखे भी बरामद किए हैं। बता दें कि पिछोर में हंगामा होने की सूचना पर बृहस्पतिवार की देर रात करीब 12.10 बजे पीआरवी को लेकर दरोगा सुरेश सिंह, महिला कांस्टेबल कल्पना, किरण यादव एवं रामगोपाल सिंह के साथ वहां पहुंचे थे। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि कुछ देर पहले तक उनके घर से पटाखे चलने जैसी आवाज आ रही थी। इसके बाद दोनों भाईयों में झगड़ा होने लगा। पुलिस के आने पर मोहल्ले के लोग घरों से बाहर निकल आए। पुलिसकर्मियों ने जब दोनों से थाने चलने की बात कही तभी बात बिगड़ गई। दोनों भाई एक होकर पुलिसकर्मियों से उलझ गए। राइफल लेकर भागने के बाद योगेंद्र के साथ मुठभेड़ में स्वॉट प्रभारी जितेंद्र सिंह तक्कर, कोतवाल आनंद सिंह, नवाबाद थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह समेत अन्य मौजूद रहे। इस गोलीकांड के बाद से पूरे मोहल्ले में दहशत छाई हुई है। आस-पड़ोस के लोग अपने घरों में ताला बंद करके वहां से भाग निकले। सुरक्षा के लिए शुक्रवार को सिपाही के घर के बाहर पुलिस की एक गारद तैनात रही। पुलिस अफसर भी वहां लगातार जायजा लेते रहे।

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