MP News: 108 जननी एक्सप्रेस के चालक ने गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। परिजन मजबूरी में गर्भवती महिला को ऑटो में लेकर चले गए। गर्भवती महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
इस मामले में एंबुलेंस चालक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सागर जिले के नरयावली निवासी गर्भवती महिला को अस्पताल नहीं ले जाने पर जननी एक्सप्रेस के चालक की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 24 अगस्त को नरयावली निवासी भैयालाल आदिवासी को प्रसव पीड़ा होने पर उसने 108 को कॉल किया। कुछ देर बाद जननी एक्सप्रेस आ गई।
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गर्भवती महिला के परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करने को कहा। एंबुलेंस चालक ने गर्भवती महिला को दर्दनाक हालत में छोड़कर दूसरे कॉल पर जाने का बहाना बनाया। भैयालाल ने मजबूरी में पत्नी को ऑटो से जरुआ खेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का फैसला किया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही ऑटो में प्रसव हो गया। बाद में जच्चा-बच्चा दोनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जरुआ खेड़ा में भर्ती कराया गया।
जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस चालक की इस लापरवाही को अमर उजाला ने उजागर किया था। इस घटना के बाद जिला प्रबंधक 108 जेएचएस को नोटिस जारी कर चालक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। कंपनी के भोपाल मुख्यालय ने चालक सुवाय शिव को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
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मध्य प्रदेश में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां एंबुलेंस चालक ने गर्भवती महिला को ले जाने से मना कर दिया था। यहां मामला देरी का है। एंबुलेंस चालक ने कहा कि उसे कहीं और जाना है। प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।