- संयोग या प्रयोग! चुनाव के दौरान राम रहीम को मिलती रही है पैरोल, 4 साल में 10 बार जेल से छूटा

संयोग या प्रयोग! चुनाव के दौरान राम रहीम को मिलती रही है पैरोल, 4 साल में 10 बार जेल से छूटा

इसे संयोग ही कहें कि बाबा राम रहीम अब तक 10 बार जेल से बाहर आ चुके हैं, जिनमें से छह बार हरियाणा में चुनाव थे।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर पैरोल मिल गई है। हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम की 20 दिन की पैरोल मंजूर हुई है। पैरोल की शर्त यह है कि इस दौरान राम रहीम हरियाणा से बाहर रहेंगे। हालांकि चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को मिली पैरोल पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं।

4 साल में 10वीं बार जेल से बाहर

रामीत राम रहीम सिंह साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर बाहर आ गए हैं। हालांकि यह संयोग है या प्रयोग कि हरियाणा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले बाबा राम रहीम को पैरोल मिली है। अक्टूबर 2020 से लेकर सितंबर 2024 तक बाबा राम रहीम दस बार जेल से रिहा हो चुके हैं। पिछले नौ महीने में तीसरी बार पेशी पर आ रहे राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर बाहर हैं।

चुनाव के दौरान पैरोल मिलती रही

इसे संयोग ही कहें कि बाबा राम रहीम अब तक 10 बार जेल से रिहा हो चुके हैं, जिसमें से छह बार हरियाणा में चुनाव के दौरान। उन्हें 7-8 फरवरी को 21 दिन की पैरोल मिली थी, 26 फरवरी को पंजाब में विधानसभा चुनाव थे। फिर 17 जून को 30 दिन की पैरोल मिली, फिर 19 फरवरी को हरियाणा नगर निगम चुनाव थे। उसके बाद 15 अक्टूबर को 40 दिन की पैरोल मिली, फिर आदमपुर सीट पर उपचुनाव थे। फिर भी उन्हें जुलाई में 30 दिन की पैरोल मिली, फिर 13 अगस्त को हरियाणा के तीन जिलों में पंचायत चुनाव थे। 21 नवंबर को पैरोल मिली और 25 नवंबर को राजस्थान में विधानसभा चुनाव थे। और अब 2 अक्टूबर को एक बार फिर राम रहीम पैरोल पर बाहर आ गया है जबकि हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हैं।

कांग्रेस ने किया विरोध

हालाँकि, इस बार हरियाणा कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बाबा राम रहीम को पैरोल दिए जाने का विरोध किया है, लेकिन आज जब कांग्रेस नेताओं से इस बारे में पूछा गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए। भले ही हरियाणा कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस बारे में शिकायत दर्ज कराई हो, लेकिन वे इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं क्योंकि राजनीतिक दल जानते हैं कि अगर उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया तो उन्हें चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag