पाकिस्तान में आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का आयोजन हो रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आज पाकिस्तान पहुंचेंगे। एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले तहरीक-ए-इंसाफ ने मंगलवार को अपना विरोध वापस ले लिया है। आपको बता दें कि अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार, 15 अक्टूबर को पाकिस्तान पहुंचेंगे। दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में चल रहे तनाव के बीच कई वर्षों में भारत की ओर से यह पहला उच्च स्तरीय दौरा होगा। पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कड़ी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद में एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की 23वीं बैठक शुरू होने के बीच मंगलवार को अपना विरोध वापस ले लिया।
पाक पीएम करेंगे डिनर का आयोजन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ डिनर का आयोजन करेंगे और इसके साथ ही एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो जाएगी। आपको बता दें कि अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
करीब नौ साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। इससे पहले दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं। सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में अफगानिस्तान पर सम्मेलन में भाग लेने गई थीं।
पाकिस्तान आज से शुरू हो रही दो दिवसीय एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) बैठक की मेजबानी कर रहा है। इस्लामाबाद ने पिछले साल अक्टूबर में बिश्केक में आयोजित बैठक में एससीओ सीएचजी की अध्यक्षता संभाली थी।
सीएचजी बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ करेंगे। दो दिवसीय बैठक में अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यावरण और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों के क्षेत्र में चल रहे सहयोग पर चर्चा की जाएगी और संगठन के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।
इस मामले से परिचित लोगों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद एस जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ द्वारा आयोजित भोज में शामिल हो सकते हैं। दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ शासनाध्यक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है।
दरअसल, एससीओ बैठक से पहले अधिकारियों ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में खान समेत कैदियों से सभी तरह की मुलाकातों पर रोक लगा दी थी। ऐसे में पीटीआई समर्थकों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी कि उन्हें जेल में इमरान खान से मिलने की इजाजत दी जाए। हालांकि, सोमवार देर रात पीटीआई समर्थकों ने विरोध वापस ले लिया, जब सरकार ने एक डॉक्टर को खान से मिलने की इजाजत दी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कल रात राजधानी में अपना विरोध वापस लेने पर सहमति जताई है। यह सरकार के इस आश्वासन के बाद हुआ कि जेल में बंद उनके नेता 72 वर्षीय इमरान खान से मेडिकल टीम को मिलने की अनुमति दी जाएगी।
करीब नौ साल में यह पहली बार होगा जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेंगे, जबकि कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध ठंडे बने हुए हैं।
माना जा रहा है कि जयशंकर 24 घंटे से भी कम समय के लिए पाकिस्तान में रहेंगे।
पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ सीएचजी बैठक की मेजबानी कर रहा है।
पिछले साल गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो गोवा आए थे। 12 साल में यह पहला मौका था जब कोई पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत आया था।