इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी को एक साइबर ठग ने फोन कर डिजिटली गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस अधिकारी (Indore Police Officer) ने उससे विस्तार से बात की और आखिर में वीडियो स्टेटमेंट देते हुए अपनी असली पहचान बताई। इसके बाद ठग के होश उड़ गए और वह डर गया।
देशभर में हो रही डिजिटल गिरफ्तारियों की घटनाओं के बीच एक साइबर ठग ने इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी को फोन किया। ठग ने पुलिस अधिकारी को मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर धमकाया और कहा कि उसने क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल किया है।
इसके बाद उसने उनसे वीडियो स्टेटमेंट लेने को कहा। जब पुलिस अधिकारी ने अपनी असली पहचान बताई तो ठग के होश उड़ गए। इस पूरी घटना के दौरान क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने मीडिया को बुलाकर पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड करवाया।
साइबर ठग ने कॉल कर पहले क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड के दुरुपयोग की बात कही. तो अधिकारी ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया है, किसी ने मेरे नाम से ऐसा किया होगा. इसके बाद ठग ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और दो घंटे के अंदर मुंबई पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा.
इसके बाद क्राइम ब्रांच अधिकारी ने उनसे कहा कि मैं इंदौर में हूं, मुंबई पहुंचने में काफी समय लगेगा. इसके बाद ठग ने उनसे वीडियो बयान देने को कहा, अधिकारी इस पर तुरंत राजी हो गए. बयान के लिए जब वीडियो कॉल की गई तो पुलिस अधिकारी ने ठग को अपनी असली पहचान बताई.
वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी को देखकर ठग हैरान रह गया. इसके बाद ठग अपना चेहरा छिपाने लगा. वहां मौजूद मीडियाकर्मी इसका वीडियो बना रहे थे. उन्होंने जब उससे चेहरा दिखाने को कहा तो ठग डर गया.
क्राइम ब्रांच अधिकारी ने इस पूरी घटना का वीडियो बनवाया. इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों को भी अपने कार्यालय में बुलाया।वीडियो बनाने के पीछे पुलिस अधिकारी का एकमात्र मकसद यह था कि कोई भी साइबर जालसाजों के जाल में न फंसे।