पेंड्रा के 26 वर्षीय दिव्यांश सिंह चौहान ने 2023 की पीएससी परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल की है। स्कूली दिनों में अफसरों को देखकर उनका सपना अफसर बनने का था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पीएससी की तैयारी शुरू की और दो साल तक घर पर रहकर कड़ी मेहनत की। पहले 2021 में 138वीं और 2022 में 225वीं रैंक हासिल की, लेकिन पोस्टिंग नहीं मिली।
जब मेहनत रंग लाती है तो वाकई बहुत अच्छा लगता है। आज हम ऐसी ही एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी के बारे में बता रहे हैं। पेंड्रा के 26 वर्षीय दिव्यांश सिंह चौहान ने तीसरे प्रयास में सीजीपीएससी परीक्षा पास कर परिवार को गौरवान्वित किया है। इस जीत को लेकर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
दिव्यांश के परिवार के मुताबिक उसने घर पर रहकर ही कड़ी मेहनत की और उसी मेहनत का फल उसे अब मिला है। आपको बता दें कि सीजीपीएससी ने 2023 के नतीजे जारी कर दिए हैं। दिव्यांश ने सातवां स्थान हासिल किया है।
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पेंड्रा के 26 वर्षीय दिव्यांश सिंह चौहान को न सिर्फ अपनी मेहनत का फल मिला, बल्कि 2023 की पीएससी परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल कर अपना सपना भी पूरा कर लिया। उनका यह सपना बचपन में ही उस समय पला, जब वे अपने माता-पिता के स्कूल का निरीक्षण करने के लिए सरकारी अफसरों को आते देखते थे। इन अफसरों की कार्यशैली और प्रभावशाली व्यक्तित्व ने भी उन्हें अफसर बनने के लिए प्रेरित किया।
दिव्यांश के माता-पिता दोनों ही शिक्षक हैं, और इसी वजह से वे शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते थे। पेंड्रा में 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने रायपुर के शंकराचार्य कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उनका ध्यान प्रशासनिक सेवाओं की ओर गया और वे पीएससी की तैयारी में जुट गए।
सबसे पहले उन्होंने बिलासपुर की कोचिंग क्लास से अपनी तैयारी शुरू की, लेकिन जब उन्हें लगा कि वे घर पर रहकर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं, तो उन्होंने घर पर रहकर ही पूरी मेहनत की। पहले साल 2021 में दिव्यांश ने 138वीं रैंक हासिल की, फिर 2022 में 225वीं रैंक हासिल की। हालांकि उन्हें पोस्टिंग नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास जारी रखे।
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आखिरकार 2023 में उनकी मेहनत रंग लाई, जब उन्हें पीएससी परीक्षा में 7वीं रैंक मिली। उनका अगला लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनना है, और वे इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनके परिवार वाले भी उनके लक्ष्य को लेकर काफी उत्साहित हैं और चाहते हैं कि दिव्यांश इसी पद पर कार्यरत हों। दिव्यांश के साथ उनकी बहन ज्योत्सना चौहान भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।