मध्य प्रदेश के खंडवा में तिहरे हत्याकांड की 14वीं बरसी पर राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच की ओर से मशाल जुलूस निकाला गया। इस दौरान आग लग गई। हादसे के वीडियो भी वायरल हुए हैं। आरोप है कि आयोजकों ने बिना अनुमति के ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया। अधिकारियों का कहना है कि अब शहर में जुलूस और रैलियों के लिए अनुमति प्रक्रिया को और सख्त बनाया जाएगा।
शहर में गुरुवार रात निकाले गए मशाल जुलूस में आग लगने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस मामले में आयोजकों को जुलूस के लिए दी गई शर्तों का उल्लंघन करने और ज्वलनशील पदार्थ से आग लगने और लोगों की जान को खतरे में डालने का जिम्मेदार माना गया है।
राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच और उसके साथियों के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने बताया कि आयोजकों की लापरवाही के कारण जुलूस में आग लगने की स्थिति बनी। एसडीएम द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का भी उल्लंघन किया गया है। इसके चलते कार्रवाई की गई है।
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तिहरे हत्याकांड की 14वीं बरसी पर गुरुवार रात राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस के समापन पर घंटाघर क्षेत्र में आग लगने और भगदड़ में 30 लोग झुलस गए थे।
इनमें से 16 लोगों को उसी रात प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 14 घायलों का उपचार चल रहा है। सभी खतरे से बाहर हैं। महापौर अमृता अमर यादव ने शुक्रवार को घायलों से बात की।
इस बीच, मशाल जुलूस में लापरवाही से हुए हादसे की पुलिस जांच कर रही है। घटना को देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन ने कहा है कि शहर में जुलूस और रैलियों के लिए अनुमति की शर्तों को और सख्त किया जाएगा।
28 नवंबर 2009 को सिमी आतंकियों ने एटीएस जवान सीताराम यादव, अधिवक्ता संजय पाल और बैंक कर्मचारी रविशंकर पारे की हत्या कर दी थी। बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार रात बरबड़ चौक पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंचीय कार्यक्रम के बाद बड़ाबम क्षेत्र से मशाल जुलूस निकाला गया।
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इसमें सैकड़ों युवक-युवतियां शामिल हुए। मशालों में डीजल मिला लकड़ी का बुरादा भरा हुआ था। धक्का-मुक्की के कारण मशालों से जलता हुआ बुरादा गिरने पर भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। घंटाघर पर जुलूस समाप्त होने के बाद मशालों को बुझाने में लापरवाही के कारण अचानक आग लग गई। आग लगने से करीब 30 लोगों के चेहरे, हाथ और पीठ झुलस गए। इनमें दो बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।
मशाल जुलूस की अनुमति एसडीएम से ली गई थी। जुलूस समाप्त होने के बाद लापरवाही से मशाल फेंकने पर अचानक आग लगने से यह हादसा हुआ। वहां मौजूद लोगों के चेहरे और हाथ जल गए। हादसे की जांच की जा रही है। अनुमति शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में रैली और जुलूस की अनुमति सख्त शर्तों और समीक्षा के बाद दी जाएगी। - मनोज कुमार राय, पुलिस अधीक्षक, खंडवा