- सरकारी नौकरी का झांसा... फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से ठगे करोड़ों रुपये, चार गिरफ्तार

सरकारी नौकरी का झांसा... फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से ठगे करोड़ों रुपये, चार गिरफ्तार

सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि उनके कुछ साथी फरार हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 13 लाख रुपए, एक कार और बैंक पासबुक बरामद की है।

जिले के बेरोजगार लोगों को जेल प्रहरी व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। शिकायत पर पुलिस ने अलग-अलग जगहों से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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आरोपियों के कब्जे से 13 लाख रुपए, कार व बैंक पासबुक जब्त की गई है। आरोपियों के कुछ साथी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली थी कि जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा निवासी कपिल गोस्वामी उर्फ ​​कपिलेश्वर बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे रुपए ऐंठ रहा है।

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गिरफ्तार किए गए लोग

  • कपिल गोस्वामी उर्फ ​​कपिलेश्वर, निवासी अकालतरा, जिला जांजगीर-चांपा l
  • मीडियाकर्मी गुरुशंकर दिव्य, निवासी सक्ती l
  • राजेंद्र पलांगे, निवासी जैजेपुर जिला सक्ती l
  • पुरुषोत्तम तिवारी, निवासी उसलापुर बिलासपुर l
  • फरार आरोपी - सरपंच का पति ईश्वर चौहान।
  • अलग-अलग जिलों में सक्रिय है गिरोह

उनका पूरा गिरोह प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सक्रिय है। इस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आरोपियों ने बेरोजगार युवकों का विश्वास जीतने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाए थे।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि बलौदाबाजार, कबीरधाम समेत अन्य जिलों में नौकरी दिलाने के नाम पर गिरोह के सदस्यों ने सक्ती जिले के भातमहुआल निवासी गोविंद चंद्रा, पचपेड़ी क्षेत्र के ध्रुवकारी निवासी नंद कुमार शांडिल्य, ध्रुवकारी निवासी नीतीश कुमार भारद्वाज और पामगढ़ निवासी संजीत टंडन से लाखों रुपए की ठगी की है।

जांच के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी और उसके पत्रकार मित्र समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 13 लाख रुपए नकद, कार, फर्जी दस्तावेज और फर्जी मुहर बरामद की गई है। आरोपियों के कुछ साथी भागने में सफल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद और रकम बरामद होने की बात कही जा रही है।

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मुख्य आरोपी पहले भी जा चुका है जेल

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी शातिर किस्म का व्यक्ति है। वह नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के एक मामले में पहले भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अपना नेटवर्क फैलाया और कई लोगों को गिरोह में शामिल कर लिया। मामले में कई आरोपी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

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किसी ने पत्नी के जेवर बेचे तो किसी ने मां के जेवर गिरवी रखे

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि नौकरी की चाहत में युवकों ने अपने जानने वालों से पैसे उधार लिए। इसके साथ ही किसी ने पत्नी के जेवर बेचे तो किसी ने मां के जेवर गिरवी रखे। अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसानों ने साल भर मेहनत से उगाई गई फसल को बेचकर नौकरी के लिए पैसे दिए।

पीड़ितों की शिकायत पर चार अलग-अलग मामले दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी अपने साथियों सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान, सक्ती निवासी मीडियाकर्मी गुरु दिव्य शंकर, राजेश पलांगे के साथ मिलकर सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों की पहचान करता था।

युवाओं को चकाचौंध के झांसे में लेते थे

इसके बाद किसी के माध्यम से उनसे संपर्क कर सरकारी नौकरी का झांसा देते थे। सरपंच प्रतिनिधि, मीडियाकर्मी और उसके साथी कपिल गोस्वामी को ऊंची पहुंच वाला व्यक्ति बताते थे। वहीं कपिल गोस्वामी खुद इनोवा में घूमता था। वह अपने साथ एक बॉडीगार्ड भी रखता था।

इनके ठाठ-बाट को देखकर बेरोजगार युवक ठगी का शिकार हो जाते थे। इसका फायदा उठाकर ये फर्जी नियुक्ति पत्र देकर युवकों से पैसे ऐंठ लेते थे। जब नौकरी ज्वाइन करने की बात आती थी तो उन्हें अलग-अलग बहाने बनाकर इधर-उधर दौड़ाया जाता था।

एक आरोपी खुद भी ठगी का शिकार हुआ

सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि मामले में आरोपी जैजैपुर सक्ती निवासी राजेंद्र फलांगे ने मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी को वन विभाग में नौकरी लगवाने के लिए पहले 5 लाख रुपए दिए थे। लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली। उसने कपिल गोस्वामी से अपने पैसे वापस मांगे।

उसने पैसे लौटाने से मना कर दिया। कपिल ने राजेंद्र से कहा कि तुम उनके गिरोह में शामिल हो जाओ और बेरोजगार युवकों को नौकरी पर लाओ। इस तरह से तुम्हें अपने पैसे वापस मिल जाएंगे। इसके अलावा तुम और भी पैसे कमा पाओगे। राजेंद्र जाल में फंस गया और उनके गिरोह में शामिल होकर ठगी करने लगा।

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