- छत्तीसगढ़ चुनाव: निकाय और पंचायत चुनाव में नए चेहरों को मौका दे सकती है भाजपा

छत्तीसगढ़ चुनाव: निकाय और पंचायत चुनाव में नए चेहरों को मौका दे सकती है भाजपा

पिछले दिनों हुई भाजपा संगठन की मैराथन बैठक के बाद संकेत मिल रहे हैं कि इस चुनाव में युवाओं को मौका दिया जाएगा। भाजपा स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में जातिगत समीकरण को भी भुनाने की तैयारी में दिख रही है।

निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। एक-दूसरे पर तीखे कटाक्ष भी करने शुरू कर दिए हैं। भाजपा संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस साल निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा नए युवा चेहरों को मौका दे सकती है।

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हाल ही में हुई भाजपा संगठन की मैराथन बैठक के बाद इसके संकेत मिले हैं। वहीं, स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में जातिगत समीकरण को भुनाने की भी तैयारी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि युवा और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इससे आम कार्यकर्ताओं में जोश बरकरार रहेगा।

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वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी का भी डर

भाजपा की इस रणनीति के चलते पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी किनारे लग जाएंगे और टिकट न मिलने से उनमें नाराजगी का डर है। इसे देखते हुए पार्टी ने निगम-मंडल में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों को फिलहाल टाल दिया है, ताकि लोगों की नाराजगी दूर की जा सके।

दूसरी ओर, बुधवार को राज्य सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण के लिए जिला कलेक्टर को विहित प्राधिकारी नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही महापौर, नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिला आरक्षण की अधिसूचना भी जारी कर दी है।

राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, यदि नगर पालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से कम है, तो वहां शेष सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। आरक्षण लॉटरी के माध्यम से निकाला जाएगा। यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति या जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो उस निकाय में ओबीसी का आरक्षण शून्य माना जाएगा।

20 के बाद कभी भी लग सकती है आचार संहिता

नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा 20 दिसंबर के बाद हो सकती है और घोषणा होते ही आचार संहिता लग जाएगी। उम्मीद है कि ये चुनाव बजट सत्र से पहले हो जाएंगे और चार से पांच चरणों में पूरे होंगे।

नगर पंचायतों में पर्यवेक्षक और निगमों में प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे।

प्रदेश की सभी नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में पर्यवेक्षक और नगर निगमों में प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके निर्देश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने दिए हैं। बैज ने बुधवार को राजीव भवन में जिला और शहर अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएं।

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निगमों के लिए प्रदेश स्तर पर प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने बूथ सेक्टर, जोन और ब्लॉक में रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति के निर्देश भी दिए। बैठक में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणनीति और धान खरीदी केंद्रों में फैली अव्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की गई।

दीपक बैज ने संविधान रक्षक कार्यक्रम, पिछले माह दिए गए कार्यक्रमों और मासिक बैठक की भी समीक्षा की। बैठक में वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री दीपक मिश्रा, रायपुर शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे आदि उपस्थित थे।

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