मध्य प्रदेश के सीहोर में कारोबारी मनोज परमार ने अपनी पत्नी नेमा परमार के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले ही ईडी ने उनके घर पर छापा मारा था। कारोबारी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत 17 लोगों को संबोधित करते हुए 6 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है। इसमें उन्होंने जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा डाले जा रहे दबाव के बारे में लिखा है।
सीहोर जिले के आष्टा में शुक्रवार सुबह कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेमा परमार के शव उनके घर में फंदे से लटके मिले। एसडीओपी आकाश अमलकर ने इसकी पुष्टि की है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर और दफ्तर पर छापा मारा था। इसके बाद से वे परेशान थे।
टीआई रविंद्र यादव मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर एक सुसाइड नोट भी मिला है। घटना को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर ईडी परमार को परेशान करने का आरोप लगाया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कारोबारी के बच्चों ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी।
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मृतक मनोज के बड़े बेटे जतिन परमार ने कहा, 'ईडी वालों ने मानसिक दबाव बनाया था। इसी के चलते माता-पिता ने आत्महत्या की।' मनोज के भाई राजेश परमार ने कहा कि मनोज ईडी की ओर से मानसिक दबाव में था। पहले भी कार्रवाई की गई थी, जिससे वह परेशान था।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आष्टा पहुंचकर मृतक दंपती के बेटे जतिन परमार और भाई राजेश परमार से चर्चा की। कारोबारी के बेटे जतिन परमार ने ईडी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
आत्महत्या करने से पहले कारोबारी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, संसद में नेता प्रतिपक्ष समेत 17 लोगों को संबोधित 6 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उसने 6 बिंदुओं में पूरा घटनाक्रम लिखा है, जिसके चलते उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। सुसाइड नोट में लिखा है कि जांच एजेंसी के अधिकारी ने उसे भाजपा में शामिल होने पर मजबूर किया।
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इस बीच, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सीहोर से डॉक्टरों की टीम पोस्टमार्टम के लिए आष्टा पहुंची। आष्टा से भी डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्ट किया।
जानकारी के अनुसार शांति नगर, आष्टा निवासी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेमा परमार ने अपने निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले ईडी ने यहां छापा मारा था। एसडीओपी आकाश अमलकर का कहना है कि घटना का कारण अज्ञात है।
फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर सरकारी योजना के तहत लोन लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 5 दिसंबर को आष्टा के व्यापारी मनोज परमार के शांति नगर स्थित घर पर छापा मारा था। ईडी की टीम ने परमार के घर से दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किया था और उसके साथियों के ठिकानों पर भी दबिश दी थी।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत सर्विस सेंटर, रेडीमेड कपड़े की फैक्ट्री के नाम पर बैंक से लोन लेकर 6 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया गया था। आरोपियों ने साजिश रचकर 6 माह के भीतर 18 लोन लिए थे। इसमें फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया था। इसमें परमार का नाम भी शामिल था।
बताया जा रहा है कि ईडी की टीम ने परमार के आष्टा स्थित घर और इंदौर में चार अन्य जगहों पर छापेमारी कर दस्तावेज और अन्य सामान जब्त किया था। यह भी पता चला था कि उनके करीबी के घर से भी दस्तावेज जब्त किए गए थे।
अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि किन चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं और उनकी कीमत क्या है? ईडी के भोपाल जोनल ऑफिस के मुताबिक, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई। मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में परमार को भी गिरफ्तार किया गया था।
ईडी की कार्रवाई के बाद बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'यह वही उद्योगपति मनोज परमार हैं, जो दिन-रात बीजेपी को कोसते रहते हैं, जिन्होंने बच्चों की 'गुल्लक टीम' बना रखी है। यह गुल्लक टीम समय-समय पर राहुल गांधी, कमल नाथ जी, पवन खेड़ा, भूपेश बघेल, हिमाचल के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े कांग्रेस नेताओं को पैसों की गुल्लक भेंट करती है।'
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सलूजा ने आगे लिखा था- 'यह टीम राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी उन्हें गुल्लक भेंट करने पहुंची थी। राहुल गांधी ने खुद इस बारे में ट्वीट किया था। यह गुल्लक टीम कांग्रेस का प्रचार करती है, दिनभर सोशल मीडिया पर भाजपा को कोसती है। मनोज परमार दिन-रात अपनी गुल्लक टीम का प्रचार करते हैं। इस गुल्लक टीम की आड़ में भ्रष्टाचार के जरिए पैसे कमाने का कैसा खेल खेला जा रहा था, यह आज सामने आ गया है।'