डिजिटल अरेस्ट को लेकर लगातार जागरूकता फैलाई जा रही है, फिर भी लोग इसके जाल में फंस रहे हैं। अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे पूरा देश सबक ले सकता है। यहां जब पिता डिजिटल अरेस्ट में फंस गए तो उनकी 16 साल की बेटी ने उन्हें बचा लिया। इतना ही नहीं, उसने जालसाजों को कड़ी टक्कर भी दी।
शहर के तारागंज इलाके में रहने वाले दवा कारोबारी प्रकाश करडेकर को शातिर ठगों ने डिजिटली गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पोर्नोग्राफी और संवेदनशील मैसेज में फंसने की धमकी दी गई।
डेढ़ घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए उनकी डिजिटली गिरफ्तारी की गई। तभी उनकी 16 वर्षीय बेटी मृणाल करडेकर स्कूल से घर पहुंची। उसने अपने पिता को घबराया हुआ देखा। पहले जब उसने उनसे बात करने की कोशिश की तो वे डरे हुए थे और कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे।
फिर उन्होंने उसे बताया कि उसे डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मृणाल को जालसाजों की यह चाल तुरंत समझ में आ गई क्योंकि उसने डिजिटली गिरफ्तार होने वाले लोगों की पीड़ा सुनी थी।
वह तुरंत सतर्क हो गई, उसने अपने पिता से मोबाइल छीना और सबसे पहले कॉल डिस्कनेक्ट किया। जब दोबारा वीडियो कॉल आई तो वह खुद आगे आई, अपने पिता को पीछे धकेला और बात करने लगी। जालसाजों के हर सवाल का जवाब देने के बजाय वह खुद ही उनसे सवाल करने लगी। आखिरकार जालसाजों को समझ में आ गया कि उनके लिए यहां पर आगे बढ़ना आसान नहीं है और वे हार गए।
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मैं दवाइयों का थोक व्यापार करता हूं। मैं समाधिया कॉलोनी, तारागंज में रहता हूं। बुधवार को अचानक मेरे पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने पहले कहा कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बोल रहा है।
मोबाइल में चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे अनचाहे वीडियो कंटेंट शामिल हैं। मैं डर गया। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उसने कहा कि कॉल ट्रांसफर हो रही है। फिर दूसरे व्यक्ति की आवाज आई, जिसने कहा कि वह सीबीआई से बोल रहा है।
मुंबई में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर एफआईआर दर्ज हुई हैं। अनचाहे मैसेज भी आए हैं। कुछ देर बाद एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई। उसके सामने एक वर्दीधारी व्यक्ति बैठा था। उसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर बात करना शुरू किया
उसने दो नोटिस भेजे और बताया कि उसकी टीम आ रही है। गिरफ्तारी की प्रक्रिया होगी, उससे पहले डिजिटल गिरफ्तारी की जा रही है। मैं डर गया। तभी मेरी बेटी स्कूल से आ गई।
मेरी बेटी 11वीं में पढ़ती है। उसने मुझसे बात करने की कोशिश की, लेकिन मुझे डर था कि कहीं वह भी फंस न जाए। फिर बताया गया कि मेरे साथ मेरी पत्नी का मोबाइल नंबर भी ब्लॉक कर दिया गया है।
अचानक मेरी बेटी ने मोबाइल ले लिया और खुद ही बात करने लगी। बेटी समझ गई कि ये चालाक जालसाज हैं। उसने जालसाजों से पूछताछ शुरू की। आखिरकार जालसाजों की हार हुई।
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