खंडवा में दुर्घटना में घायल एक मरीज को एंबुलेंस से इंदौर रेफर किया गया। इस दौरान रास्ते में ऑक्सीजन खत्म हो गई। ड्राइवर सिलेंडर लेने के लिए एंबुलेंस को गोदाम ले गया, सिलेंडर लेने के लिए उसे सात लोगों को बुलाना पड़ा। तब तक मरीज की हालत बिगड़ चुकी थी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।
मरीज को इंदौर रेफर करने के खेल और एंबुलेंस चालक की लापरवाही के चलते एक युवक की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई। खंडवा में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद यहां मरीजों को इलाज के लिए इंदौर रेफर करने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
ऐसे में मरीज इलाज के अभाव में अपनी जान गंवा रहा है। वहीं मरीजों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही 108 एंबुलेंस की सुविधा भी प्रभावी देखरेख के अभाव और चालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ रही है।
सड़क दुर्घटना में घायल मरीज को जिला अस्पताल से इंदौर रेफर करते समय 108 एंबुलेंस के सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने से मरीज की मौत हो गई। युवक के परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस चालक ऑक्सीजन की कमी का हवाला देकर दो घंटे तक एंबुलेंस को हिलाता रहा। परिजनों ने रात में मोघट पुलिस को शिकायती आवेदन दिया है।
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एंबुलेंस के अस्पताल से निकलने के बाद पता चला कि सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं है। तब कर्मचारी घायल को एंबुलेंस में लेकर इंदौर रोड स्थित ऑक्सीजन प्लांट पहुंचा। कर्मचारी को ऑक्सीजन मिलने की प्रक्रिया में दो घंटे लग गए। तब तक घायल युवक के मुंह पर सिर्फ खाली मास्क था।
पंधाना पुलिस के अनुसार टाकली कला गांव में रहने वाले 28 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र अमरचंद बिजली कंपनी में लाइन हेल्पर था। गुरुवार रात करीब 8 बजे घर लौटते समय कोहराद और टाकली के बीच अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में धर्मेंद्र के सिर में गंभीर चोटें आईं। उसे उपचार के लिए रात में जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे रात करीब साढ़े दस बजे 108 एंबुलेंस क्रमांक सीजी 04 एनजेड 6025 से इंदौर रेफर किया गया।
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युवक के भाई जितेंद्र दिलावरे ने बताया कि एंबुलेंस के सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण चालक वाहन को ऑक्सीजन सिलेंडर गोदाम में ले गया। 2 घंटे तक ऑक्सीजन को लेकर काफी बहस होती रही। मरीज के मुंह पर सिर्फ खाली ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था।
एंबुलेंस चालक संदीप चौहान और ईएमटी ने बताया कि हम ऑक्सीजन लेने प्लांट पहुंचे थे। हमारे पास पैसे नहीं थे। इसलिए ऑक्सीजन लेने के लिए भोपाल में बैठे एचआर विभाग से आईडी लेनी होगी। हमने आईडी लेने के लिए सात अधिकारियों को बुलाया। इस प्रक्रिया में रात करीब 1 बजे सिलेंडर मिला। यहां से एंबुलेंस आगे बढ़ी तो कुछ देर बाद ही युवक धर्मेंद्र की मौत हो गई।
इस मामले में एंबुलेंस एजेंसी के जोनल मैनेजर अविनाश पांडे का कहना है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण वे व्यवस्था कर रहे थे, मरीज के गंभीर होने के कारण मौत हुई है। गुस्साए परिजनों ने सिस्टम की लापरवाही और एंबुलेंस चालक की मनमानी के कारण युवक धर्मेंद्र की मौत की शिकायत मोघट थाने में की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।