भोपाल के पास मंडोरा में एक कार में मिले 54 किलो सोने और 9.86 करोड़ रुपए की नकदी का संबंध सौरभ शर्मा से माना जा रहा है। यह सब लोकायुक्त पुलिस से बचाने के लिए कार में रखा गया था, फिर योजना के मुताबिक इसकी जानकारी इनकम टैक्स को दे दी गई। क्योंकि लोकायुक्त पुलिस तो केस पूरा होने के बाद ही इसे वापस करेगी, लेकिन इनकम टैक्स इस पर पेनाल्टी लगाकर इसे वापस कर देगा।
रातीबड़ के मंडोरा कुशालपुर रोड पर गुरुवार-शुक्रवार की रात आरटीओ नेम प्लेट लगी जिस एसयूवी से 54 किलो सोना और 9 करोड़ 86 लाख रुपए बरामद हुए हैं, उसके बारे में बड़ी जानकारी सामने आ रही है।
विभागीय सूत्रों का अनुमान है कि यह सोना और नकदी पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा की हो सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकायुक्त के चंगुल से बचाने के लिए इसे सुनसान जगह पर गाड़ी खड़ी करके छिपा दिया गया था।
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जब पुलिस को देर रात वहां खड़ी कार के बारे में जानकारी मिली तो एक बार फिर इस पैसे के लोकायुक्त तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई। ऐसी ही एक योजना के तहत आयकर विभाग को इसकी सूचना भेजी गई ताकि यह सोना और नकदी उसके पास पहुंच सके।
जानकारों का कहना है कि लोकायुक्त के छापे के बाद सौरभ को पता था कि एक बार लोकायुक्त द्वारा पैसा जब्त कर लिया जाए तो मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद ही उसे वापस किया जा सकता है। जबकि अगर आयकर विभाग उसे पकड़ लेता है तो आय से अधिक संपत्ति पर कुछ जुर्माना लगाकर उसे वापस कर देगा।
आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस ने इस बिंदु पर भी जांच शुरू कर दी है। इस शक को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि जिस एसयूवी से इतना सोना और पैसा बरामद हुआ है उसके मालिक चेतन सिंह गौर और पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा गहरे दोस्त हैं।
सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर दोनों ग्वालियर के रहने वाले हैं। सौरभ शर्मा का घर विनय नगर में और चेतन सिंह गौर का घर सिकंदर कंपू लक्कड़ खाना में है। सौरभ ने चेतन को ग्वालियर से भोपाल बुलाया था और अपने कारोबार में काम करने के लिए कहा था।
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सौरभ पेट्रोल पंप, होटल और रियल एस्टेट के बाद शिक्षा क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहा था। यह भी पता चला है कि चेतन गौर का रायसेन के औबेदुल्लागंज में पेट्रोल पंप है। पुलिस ने मामले में सभी पहलुओं से जांच शुरू कर दी है और पूछताछ शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि सौरभ शर्मा 2017 से 2023 तक परिवहन विभाग में था और 2023 में अचानक बिना किसी कारण के नौकरी छोड़ दी थी। जब लोगों ने पूछा तो उसने बताया कि उसने वीआरएस ले लिया है।
जबकि जब एजेंसियों ने परिवहन विभाग में उसकी जानकारी पता की तो उसके अनुकंपा संबंधी दस्तावेज और वीआरएस के कागजात गायब बताए जा रहे हैं। वह चेतन सिंह गौर के जरिए आरटीओ में गाड़ियां अटैच करवाता था। जिस वाहन से यह काली कमाई मिली उस पर आरटीओ की नेम प्लेट लगी थी।
पुलिस के मुताबिक गुरुवार देर रात रातीबड़ थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक सफेद रंग की एसयूवी तीन घंटे से लावारिस हालत में खड़ी है। पुलिस को पहले लगा कि शायद किसी ने कार को वहीं छोड़ कर फांसी लगा ली होगी। जब थाना प्रभारी रासबिहारी शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो आसपास कोई नजर नहीं आया।
पुलिस ने जब बाहर से एसयूवी की तलाशी ली तो अंदर कुछ बैग नजर आए। इस पर थाना प्रभारी ने जोन-1 डीसीपी प्रियंका शुक्ला को सूचना दी। दो दिन से शहर में चल रही आयकर कार्रवाई को देखते हुए पुलिस को शक हुआ और उन्होंने विभाग को इसकी सूचना दी। डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि देर रात आयकर की टीम मौके पर पहुंची और एसयूवी का शीशा तोड़कर उसमें से बैग निकाले।
बैग से 54 किलो सोना और 9 करोड़ 86 लाख रुपए नकद बरामद हुए। सोना सोने के लंबे बिस्किट के रूप में था। देर रात पुलिस ने तलाशी ली तो कार चेतन उर्फ चंदन सिंह गौड़ की निकली। उसके पते पर तलाशी ली तो वह गायब मिला। बाकी मामले की जांच अब आयकर कर रहा है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि 54 किलो सोना मिलने के बाद अब ईडी मामले की जांच में एंट्री कर सकती है। इसके लिए आयकर विभाग ने पत्राचार करने की तैयारी कर ली है। एजेंसियों को अब यह पता लगाना है कि यह सोना कहां से और कैसे आया है। इसके पीछे वजह यह है कि सौरभ शर्मा का पासपोर्ट उनके घर से गायब है और उनकी लोकेशन भी नहीं मिल रही है। उन्होंने विदेश की भी खूब यात्राएं की हैं।