लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ सीबीआई ने 2014 में एक, कोलकाता पुलिस ने 2022 में दो और मेघालय सरकार ने 2024 में दो एफआईआर दर्ज की थीं।
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राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जांच जारी है। अब पता चला है कि उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर हजारों करोड़ रुपये का है। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह खुलासा हुआ है। मार्टिन और उनकी कंपनी पर मेघालय सरकार की एक एफआईआर समेत 4 एफआईआर दर्ज हैं। हाल ही में ईडी ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी की जांच में पता चला है कि मार्टिन का सालाना टर्नओवर 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। ईडी 2014 से उनके खिलाफ जांच कर रही है। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी मार्टिन की 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर चुकी है। मार्टिन फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाता है।
2014 में सीबीआई ने मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ एक एफआईआर, 2022 में कोलकाता पुलिस ने दो और 2024 में मेघालय सरकार ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के आधार पर ईडी जांच कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक जांच में पता चला है कि मार्टिन ने 'अपराध से होने वाली आय' से संपत्ति खरीदने के लिए 350 से ज्यादा कंपनियां और एसपीवी यानी स्पेशल पर्पज व्हीकल शुरू किए।
खास बात यह है कि इनमें से कई वाहन संपत्ति बेचने वालों को इनामी लॉटरी देकर खरीदे गए। रिपोर्ट के मुताबिक मार्टिन के रिश्तेदारों और दोस्तों को लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किया गया था, जो इनामी लॉटरी रखते हैं और ड्रॉ के बाद इनाम की रकम रख लेते हैं। ये लॉटरी न तो लोगों तक पहुंची और न ही राज्य सरकार को वापस मिली। एजेंसी को बिना टिकट बेचे गए बंडल मिले हैं, जिनमें कुछ इनाम भी शामिल हैं।
अखबार से बातचीत में एक सूत्र ने बताया, 'फ्यूचर गेमिंग की लॉटरी बेचने के बाद कंपनी ने सालाना टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होने के बाद भी बहुत कम मुनाफा दिखाया। कंपनी मुख्य रूप से सिक्किम स्टेट लॉटरी का कारोबार करती है और इसकी ज्यादातर बिक्री पश्चिम बंगाल के अलावा पंजाब, गोवा, महाराष्ट्र और केरल में होती है।
सिक्किम लॉटरी से नकद प्राप्त करने के बाद मार्टिन ने 2014 तक राज्य सरकार को राजस्व के रूप में सालाना सिर्फ 8-10 करोड़ रुपये दिए हैं। खास बात यह है कि मार्टिन ने चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। यह रकम 2019 से 2024 के बीच दी गई थी।