- प्रेमिका और बच्चों की हत्या कर 19 साल से फरार था पूर्व फौजी, अचानक CBI को मिली भनक; पकड़ने पहुंचे तो रह गए दंग

प्रेमिका और बच्चों की हत्या कर 19 साल से फरार था पूर्व फौजी, अचानक CBI को मिली भनक; पकड़ने पहुंचे तो रह गए दंग

केरल के कोल्लम जिले में 19 साल पहले हुई हत्या के मामले में अब आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपी पूर्व सैनिक हैं, जिन्हें सेना ने मार्च 2006 में भगोड़ा घोषित किया था। महिला और उसके बच्चों की हत्या करने के बाद दोनों अपनी पहचान छिपाकर पुडुचेरी में रहने लगे थे। 19 साल बाद सीबीआई को इसकी सूचना मिली। इसके बाद उन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। नई दिल्ली। भारतीय सेना के दो पूर्व सैनिकों ने एक महिला और 17 दिन के जुड़वां बच्चों की हत्या कर दी। इसके बाद दोनों करीब 19 साल तक फरार रहे।

 

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मामला पहले पुलिस के पास था, फिर इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। सेना ने भी दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। लेकिन उनका कहीं से कोई सुराग नहीं मिला। अचानक सीबीआई को इसकी सूचना मिली। इसके मुताबिक दोनों अपनी पहचान बदलकर पुडुचेरी में रह रहे थे। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला 2006 का है

केरल के कोल्लम जिले के येरम में रहने वाली 24 साल की लड़की रजनी को पास के इलाके में रहने वाले दिबिल कुमार बी से प्यार हो गया। दिबिल कुमार भारतीय सेना की 45 एडी रेजिमेंट में था और पठानकोट में तैनात था।

दोनों के बीच संबंध बने और रजनी गर्भवती हो गई। 24 जनवरी 2006 को रजनी ने जुड़वां लड़कियों को जन्म दिया। इसके बाद दिबिल ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी। इसके बाद रजनी की मां ने केरल राज्य महिला आयोग में अपील की।

दोस्त भी शामिल

महिला आयोग ने मामले में पितृत्व परीक्षण का आदेश दिया। इसके बाद दिबिल कुमार आगबबूला हो गया। उसने हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी। दिबिल का दोस्त राजेश भी उसकी बटालियन में था। वह भी लड़की और उसकी मां को जानता था।

पहले उसने रजनी और उसकी मां से कहा कि वह दिबिल कुमार को रजनी से शादी के लिए मना लेगा। लेकिन बाद में वह खुद दिबिल की साजिश का हिस्सा बन गया। इसके बाद 10 फरवरी 2006 को दोनों ने मिलकर रजनी और उसकी दोनों बेटियों की हत्या कर दी।

हत्या के बाद दोनों फरार हो गए

रजनी की मां उस समय दोनों जुड़वा बच्चियों का जन्म प्रमाण पत्र लेने पंचायत कार्यालय गई हुई थी। जब वह वापस लौटी तो घर में पड़ी लाशें देखकर उसकी चीख निकल गई। हत्या करने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए।

मार्च 2006 में सेना ने भी दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों को खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। उन पर 2 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। इसके बावजूद दोनों का एक भी सुराग नहीं मिला।

सीबीआई को केस ट्रांसफर

2010 में केरल हाईकोर्ट के आदेश के बाद केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन सीबीआई भी खाली हाथ रही। कई सालों तक तलाश जारी रहने के बाद सीबीआई को सूचना मिली कि दिबिल कुमार और राजेश दोनों नाम बदलकर पुडुचेरी में रह रहे हैं।

दोनों ने आधार कार्ड समेत कई फर्जी दस्तावेज भी बनवा रखे थे। इतना ही नहीं, दोनों ने वहां दो महिला शिक्षिकाओं से शादी भी कर ली, जिनसे उनके बच्चे भी हैं। इसके बाद सूचना पर पहुंची सीबीआई की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।

पुलिस ने हिरासत में लिया

सीबीआई की चेन्नई यूनिट ने शुक्रवार को दोनों को गिरफ्तार कर कोच्चि ले आई। शनिवार को दोनों को एर्नाकुलम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया।

यहां से पुलिस को 18 जनवरी तक उनकी हिरासत मिली है। अब सीबीआई भी उनकी हिरासत की मांग करेगी।

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